जलियांवाला बाग कांड की शतवार्षिकी और बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की जयंती की पूर्वसंध्या पर 13 अप्रैल 2019 को भाकपा(माले) द्वारा बलिया कलेक्ट्रेट अधिवक्ता भवन में ‘स्वतंत्रता आंदोलन - संविधान और लोकतंत्र’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जेपी विचार मंच के संयोजक द्विजेन्द्र मिश्र ने कहा कि जलियांवाला बाग की घटना भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक मील-पत्थर है. आज के राजनीतिक दौर में संविधान एवं लोकतंत्र ही नहीं देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के भी विकृत होने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे दौर में हमें स्वतंत्रता आंदोलन की असली विरासत से सबक लेने की जरूरत है. एडवोकेट राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि इतिहास हमेशा लोगों को प्रेरणा देने का काम करता है. सीपीएम के नेता रामकृष्ण यादव ने कहा कि जो लोग आजादी की लड़ाई में दूर-दूर तक नहीं थे और जिन्होंने ब्रिटिश राज से माफी मांगी, वे आज राष्ट्रवाद का नारा दे रहे हैं - ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. स्वराज अभियान के बलवंत ने कहा कि साझी शहादत और साझी विरासत को बांटने वाले लोग आज संविधान एवं लोकतंत्र के सीने में खंजर मार रहे हैं. माले नेता नियाज अहमद ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर राज चलाने वाले अपने ही राज में संविधान की प्रतियां जला रहे हैं, उनकी निष्ठा संविधान से नहीं बल्कि मनुवाद में है. कार्यक्रम को प्रमुख रूप से प्रानेश कुमार, भागवत बिंद, राजू राजभर, डा. विश्राम यादव, राजन कनौजिया, बीएन लाल, अवधनरायण सिंह, जैनुद्दीन, सत्यप्रकाश सिंह आदि ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बसंत कुमार सिंह ने की तथा संचालन लक्ष्मण यादव ने किया.