ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) का उत्तर प्रदेश 9 वां राज्य सम्मेलन 3 मार्च को इलाहाबाद में सम्पन्न हुआ. सम्मलेन में नवनिर्वाचित 21 सदस्यों की कार्यकारिणी चुनी गई. जिसने सर्वसम्मति से शिव रजवार को राज्य सचिव तथा शैलेश पासवान को राज्य अध्यक्ष चुना गया. अन्य पदाधिकारियों में नितिन राज, शक्ति रजवार को उपाध्यक्ष व शिवानी जायसवाल, विवेक कुमार सिंह को सह-सचिव चुना गया.
सम्मेलन में बतौर अतिथि उपस्थित वक्ता सुचेता डे ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के पहले दिन से ही विश्वविद्यालयों पर सुनियोजित हमले शुरू कर दिए. छात्रों पर फीस वृद्दि और सार्वजनिक वित्त पोषित विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने की नीति थोपी जा रही है. हेफा, स्वायत्तता, इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेन्स (जिओ इंस्टिट्यूट मॉडल) लाकर उच्च शिक्षा को बाजार के हवाले करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष चुनाव से पहले लाया गया बजट आज़ादी के बाद शिक्षा पर सबसे कम खर्च का बजट है. यूपीए-2 के अंतिम वर्ष, 2013-14 में शिक्षा पर खर्च हुए कुल केन्द्रीय बजट के 4.77 प्रतिशत में साल-दर-साल कटौती कर 2019 के अंतरिम बजट में इसे 3.37 प्रतिशत कर दिया गया. भाजपा सरकार चाहे केंद्र में हो या राज्य में दोनों जगह शिक्षा व रोजगार पर ताला डालने का काम कर रही है.
नवनिर्वाचित राज्य सचिव शिवा रजवार ने कहा कि केंद्र सरकार वंचितों को शिक्षण संस्थानों से बेदखल करने के लिए 13 पॉइंट रोस्टर जैसे फरमान लाई है. इसके खिलाफ आइसा देशव्यापी प्रतिरोध दर्ज कराते हुए 5 मार्च को भारत बंद के राष्ट्रीय आह्वान में शामिल होगी.
सम्मेलन में विदाई समिति की तरफ से राज्य सचिव सुनील मौर्य व अध्यक्ष अंतस सर्वानंद उपस्थित रहे. इनके अतिरिक्त भाकपा माले के जिला प्रभारी कमल उसरी, एक्टू के राज्य सचिव अनिल वर्मा, गुलाम अहमद सिद्दीकी, अजय शर्मा, अनुष्का महराज, मंगल कुमार, नीलम सरोज, नितिन राज, राजेश, रणविजय विद्रोही, सौम्य सहर, शहवाज मलिक, शिवम् सफीर, अतुल अंजान, शिवानी मिताक्षरा, विक्रम, अमीरुल व आइसा इकाई सचिव सोनू यादव समेत अन्य छात्रा व प्रतिनिधि मौजूद रहे.