मोदी शासन की दूसरी पारी के शुरूआती 100 दिन गुजर चुके हैं. मोदी राज का ढोल पीटने वाले प्रचारक मोदी-शाह जोड़ी की विस्मयकारी “उपलब्धियों” को गिनाने में जुटे हुए हैं – तीन तलाक, कश्मीर, चन्द्रयान मिशन. वे हर चीज पर बढ़चढ़कर बातें करते हैं, बस एक चीज को छोड़कर, जिसको लेकर सारे देश में चर्चा है – वह है आर्थिक मंदी. उन्होंने सोचा था कि वे इस मंदी को अस्थायी, चक्रीय मंदी का मामला बताकर अपना पल्लू झाड़ लेंगे, मगर अब हर तिमाही में, हर मानक के तुलनात्मक आंकड़ों से जाहिर हो रहा है कि स्पष्ट रूप से और खतरनाक ढंग से अर्थव्यवस्था ढलान पर जा रही है.