-- क्लिफ्टन डी. रोजारियो
आप फासीवाद के खिलाफ सम्मेलन में इसलिये नही जाते कि फासीवाद की पक्की परिभाषा तय करें, बल्कि यह समझने जाते हैं कि विभिन्न तबकों के लिए इसके क्या मायने हैं, उनके अस्तित्व पर फासीवाद का क्या असर पड़ा है, और कितने कारगर तरीके से वे इसका मुकाबला कर रहे हैं. – के. बालगोपाल [1]
[ह्यूमन राइट्स फोरम (एचआरएफ) द्वारा 9 अक्टूबर 2022 को हैदराबाद में आयोजित 13वीं बालगोपाल मेमोरियल मीटिंग में दिए गए भाषण से]