जोशीमठ त्रासदी: प्रकृति की मार, कौन है जिम्मेदार?


ऋषिगंगा अपेक्षाकृत छोटी नदी है जो रैणी में धौलीगंगा में मिल जाती है. धौलीगंगा विष्णुप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है. लेकिन इस छोटी ट्टषिगंगा में उठे जलजले के निशान रैणी से लेकर तपोवन तक घटना के एक दिन बाद भी देखे जा सकते हैं. पूरी अलकनंदा की धारा में जो कलुषिता दिखाई दे रही है, वह भी घटना की भयावहता को बयान कर रही है.

किसान आंदोलन की अग्रिम चौकी बनता उत्तर प्रदेश


दिल्ली की सीमाओं पर विगत दो माह से जारी किसान आंदोलन में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2021) के घटनाक्रम के बाद से एक नया उभार आया है. अब गाजीपुर बाॅर्डर और वहां पर धरना में डटे उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी किसानों व उनके संगठनों की भूमिका मुख्य चर्चा में है. लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन और आंदोलनों के दमन के लिए कुख्यात योगी राज वाले उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन का इस नए उभार ने नई राजनीतिक संभावनाओं को जन्म दिया है.

दिल्ली किसान परेड पर कुछ बात


– कविता कृष्णन

25 जनवरी की भयानक ठंड में सिंघू, टिकरी और गाजीपुर के प्रतिवाद स्थलों पर किसान देर रात तक जागते हुए परेड की तैयारी और अपने ट्रैक्टरों व ट्राॅलियों को सजाने में लगे हुए थे.

‘कृषि बाजार कानून’ कानूनों से किसानों का ही नहीं बल्कि आम आदमी का भी बड़ा नुकसान होगा


“कृषि बाजार कानून कानूनों से किसानों का नहीं बल्कि आम आदमी का भी बड़ा नुकसान होगा. कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को हटाना सरकारी स्कूल को हटाने जैसा हैं, प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा देने जैसा है. बिहार के पुराने कृषि उपज विपणन समिति सम्बन्धी कानून को पुनः बहाल करना चाहिए.”

दिल्ली बार्डर किसान आंदोलन: ‘जिसने नहीं देखा … … ...’


विगत 24  दिसंबर 2020 को भाकपा(माले) विधायकों – का. सुदामा प्रसाद (तरारी, भोजपुर) व का. रामबली सिंह यादव (घोषी, जहानाबाद) के साथ हम लोगों की टीम हरियाणा के टिकरी बाॅर्डर पहुंची.