ऋषिगंगा अपेक्षाकृत छोटी नदी है जो रैणी में धौलीगंगा में मिल जाती है. धौलीगंगा विष्णुप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है. लेकिन इस छोटी ट्टषिगंगा में उठे जलजले के निशान रैणी से लेकर तपोवन तक घटना के एक दिन बाद भी देखे जा सकते हैं. पूरी अलकनंदा की धारा में जो कलुषिता दिखाई दे रही है, वह भी घटना की भयावहता को बयान कर रही है.