जननायक शहीद कामरेड महेंद्र सिंह का 16वां शहादत दिवस किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों काले कानूनों को रद्द करने की मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन को समर्पित रहा. पूरे झारखंड में अलग-अलग जगहों पर भाकपा(माले) के अलावा अन्य संगठनों और लोगों ने भी कामरेड महेंद्र सिंह की शहादत दिवस में शिरकत की. शहादत दिवस कार्यक्रम के तहत महेंद्र सिंह के गांव खंभरा में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद एक छोटी सभा की गई तथा उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया.
वहीं बगोदर में पार्टी कार्यालय पर महेंद्र सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद एक छोटी सभा हुई और उसके बाद काले कानूनों को रद्द करने की मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाई गई. मानव श्रृंखला में गिरिडीह जिले के बगोदर, सरिया, बिरनी, राजधनवार, जमुआ सहित तमाम प्रखंडों और कस्बों के लोग शामिल थे. सभी लोग तीनों काले कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे थे और किसान आंदोलन के पक्ष में नारे लगा रहे थे. मानव श्रृंखला में शामिल लोगों के हाथों में बैनर-पोस्टर थे, जिसमें किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों काले कानूनों को रद्द करने की मांगों के साथ मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ नारे लिखे गये थे. मानव श्रृंखला कोडरमा से गांडेय तक 50 किलोमीटर लंबी थी.
कार्यक्रम में भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. जनार्दन प्रसाद, जिला सचिव का. मनोज भक्त, बगोदर के विधायक विनोद कुमार सिंह, निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, चक्रधरपुर के पूर्व विधायक बहादुर उरांव और बिहार के विधायक अरूण सिंह, सुदामा प्रसाद, मनोज मंजिल, रामबली सिंह, महानंद प्रसाद, गोपाल रविदास और बीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता तथा ‘समकालीन लोकयुद्ध’ के कार्यकारी संपादक संतोष सहर भी शामिल हुए.
राजधानी रांची में अल्बर्ट एक्का चौक पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी. इस मौके पर महेंद्र सिंह की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई और ‘खेतों में खलिहानों में, जनता के अरमानों में, कामरेड महेंद्र सिंह तुम जिन्दा हो, काला कृषि कानून वापस लो, झारखंड नव निर्माण के वास्ते कामरेड महेंद्र सिंह के रास्ते,’ आदि नारों के साथ श्रद्धांजलि सभा की गई.
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने कहा कि राज्य और समाज का लोकतंत्रीकरण महेंद्र सिंह का मुख्य राजनीतिक लक्ष्य था. कामरेड महेंद्र सिंह जन सरोकार से जुड़े मुद्दों की मुखर आवाज थे. उनकी हत्या राज्य और देश के राजनीतिक अपराधीकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है जिसमें 16 वर्ष बीत जाने के बावजूद हत्यारे पकड़ से बाहर हैं. आज के दौर में सत्ता जनता के सवालों से कोसों दूर है. महेन्द्र सिंह के रास्ते ही झारखंड का नव निर्माण संभव है.
सामाजिक कार्यकर्ता अलोका कुजूर ने कहा कि महेन्द्र सिंह झारखंड के जल, जंगल, जमीन, खनिज के दोहन के खिलााफ संघर्षरत थे. वे झारखंड के ग्रामीण गरीबों के विकास के लिए पंचायती व्यवस्था की मजबूती को जरुरी शर्त मानते थे. उन्होंने झारखंड में पंचायत चुनाव नहीं होने से पहले ग्रामसभा का चुनाव कराकर पंचायतों को उनका अधिकार दिलाया था.
झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के राजू महतो ने कहा कि झारखंड में सत्तासीन सभी सरकारों ने राज्य में लूट का कीर्तिमान स्थापित किया है. झारखंड संघर्षों से मिला है, इसे काॅरपोरेट लूट का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा. मासस नेता सुशांतो मुखर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून पूरी तरह से संविधान विरोधी है. इसे हर हालत में केन्द्र को वापस लेना पड़ेगा. माले जिला सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि जन और राजनीति के बेमिसाल माॅडल थे कामरेड महेंद्र सिंह जिन्होंने कमीशन, कमाई और चढ़ावे की राजनीति से दूर जनता के प्रति जीवटता का प्रमाण प्रस्तुत किया है. देश और राज्य की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों के लिए महेन्द्र सिंह हमेशा याद आयेंगे. वे नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
भाकपा के जिला सचिव अजय सिंह ने कहा कि जन संघर्षों की बुलंद आवाज थे कामरेड महेंद्र सिंह. इनकी हत्या राज्य और जनता के लिए अपूरणीय क्षति है.
श्रद्धांजलि सभा को जगरनाथ उरांव, आकाश रंजन, नंदिता भट्टाचार्य, एनामुल हक, भीम साहू, विश्वनाथ पंडित, सामाजिक कार्यकर्ता कुमकुम, आयती तिर्की, तरुण कुमार, अनिल कुमार सिंह, छात्रा नेता पाॅवेल कुमार, तरुण कुमार, नौरीन अख्तर, पुष्कर महतो आदि ने सम्बोधित किया.
रांची के ही बुण्डू के हुमटा में मानव श्रंखला बनाई गयी. खूंटी ज़िला स्थित अड़की के सघन जंगल क्षेत्र कुचाई में राज्य कमेटी सदस्य गौतम मुंडा के संयोजकत्व में आदिवासी साथियों ने कार्यक्रम किया. रामगढ़ में संकल्प सभा की गयी जिसे राज्य कमेटी सदस्य कामरेड भुवनेश्वर बेदिया व देवकिनंदन बेदिया, इनौस प्रदेश सचिव अमल घोषाल तथा कई पार्टी नेताओं ने संबोधित किया. गढ़वा में राज्य कमेटी सदस्य सुषमा मेहता व कालीचरण मेहता के नेतृत्व में मार्च निकाल कर संकल्प सभा की गयी. लातेहार में राज्य कमेटी सदस्य कामरेड बिरजू राम के संयोजन में संकल्प सभा की गयी. बोकारो स्टील क्षेत्र में, धनबाद शहर तथा कुमारधुबी में भी राज्य कमेटी सदस्यों के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ.
देवघर में केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड गीता मण्डल व राज्य कमेटी सदस्य सहदेव के नेतृत्व में संकल्प सभा की गयी. इस अभियान के तहत कोडरमा संसदीय क्षेत्र के कोडरमा शहर व डोमचांच तथा पूरे गिरिडीह जिला के सभी प्रखंडों में शहादत दिवस मनाते हुए केन्द्रित रूप से मानव शृंखला बनाई गई. बोकारो जिले के बेरमो समेत सभी क्षेत्रों में माले समर्थकों ने बड़े जोशो-खरोश के साथ शहीद कामरेड महेंद्र सिंह का 16वां शहादत दिवस मनाया.
गढ़वा में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 52 दिनों से चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन के समर्थन में मार्च निकाला गया. गढ़वा में पुराने बस स्टैंड (मझिआंव मोड़) से मार्च निकला यह मार्च टाउन हाॅल के मैदान तक आया. कामरेड महेंद्र सिंह सहित किसान आंदोलन में शहीद हुए 70 किसानों के प्रति एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित करने और महेंद्र सिंह के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि देने के बाद हुई संकल्प सभा को भाकपा(माले) के जिला सचिव कालीचरण मेहता, ऐपवा नेत्री सुषमा मेहता, डंडा प्रखंड प्रमुख बीरेंद्र चौधरी, पूर्व प्रमुख व ऐपवा नेत्री रहिना बीबी, कामेश्वर विश्वकर्मा, वरुण बिहारी यादव, रामचंद्र उरांव, विनोद विश्वकर्मा, लालमुनि गुप्ता आदि ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कमिटी सदस्य अख्तर अंसारी व धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ट नेता किशोर कुमार ने किया.
हजारीबाग के हेसालौंग स्थित भाकपा(माले) कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने का. महेन्द्र सिंह के 16वें शहादत दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया.
हजारीबाग जिला सचिव का. पचु राणा द्वारा झण्डोतोलन किया गया और कामरेड महेंद्र सिंह के चित्रा पर माल्यार्पण और दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई. सभा की अध्यक्षता भाकपा(माले) कार्यालय के प्रभारी गोविंद राम और संचालन विनोद कुमार ने किया. लोकल कमेटी सचिव कौलेश्वर रजवार, सोहराय मांझी, सुनिल किस्कु और कौलेश्वर गोप ने अपने विचार रखे.
चलकुसा में प्रखंड कमेटी सदस्यों के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल रैली निकालकर चांदनी चौक पर सभा की गई. सभा की शुरुआत कामरेड महेंद्र सिंह और किसान आंदोलन में शहीद हुए सभी किसानों को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने और कामरेड महेंद्र सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई. प्रखंड सचिव अशोक चौधरी की अध्यक्षता व इनामुल अंसारी के संचालन में हुई सभा को राज्य कमेटी सदस्य सविता सिंह ने संबोधित किया. कार्यक्रम में कयूम अंसारी, सावित्री देवी, अलाउद्दीन, सिकंदर मोदी, नकुल सिंह, रज्जाक अंसारी, छोटू सिंह, अजय यादव, बालेश्वर यादव समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.
साहिबगंज जिले में जिला प्रभारी का. एसके राय की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा अर्पित कर का. महेन्द्र सिंह के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया गया.
अंबेदकर चौक, गिरिडीह में बिहार के घोषी से विधायक रामबली सिंह यादव ने गिरिडीह के अम्बेदकर चौक पर महेंद्र सिंह के तस्वीर पर मालार्पण किया. वहां मानव श्रृंखला में शामिल होते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के विरुद्ध जो तीन कानून लाई है उसे वह वापस लेना होगा. भाकपा(माले) हमेशा से किसानों के साथ है.
राज्य कमिटी के सदस्य राजेश यादव ने कहा कि हम सब इनके बताए रास्ते पर चलते रहेंगे और जुल्म के बिरुद्ध आवाज उठाते रहेंगे. विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने कहा कि का. महेंद्र सिंह और हर पल जनता से जुड़े रहते थे.
हटिया मैदान, गांवा में शहीद कामरेड महेंद्र सिंह एवं किसान आंदोलन में शहीद दर्जनों किसानों को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने के बाद मानव श्रृंखला बनाकर किसान विरोधी तीन काले कानूनों का विरोध किया गया.
गांवा प्रखंड पार्टी सचिव नागेश्वर यादव की अध्यक्षता व जिला कमिटी सदस्य सकलदेव यादव के संचलान में हुई श्रद्धांजलि सभा को धनवार के पूर्व विधायक व पार्टी नेता कामरेड राजकुमार यादव ने संबोधित किया.
मौके पर गांवा प्रमुख ललिता देवी, प्रखंड कार्यकारी सचिव सकलदेव यादव, इंनौस राष्ट्रीय परिषद सदस्य अशोक मिस्त्री, आनंदी यादव, अकलेश यादव, कन्हैय राम, पवन चौधरी, अशोक यादव, सुरेश चौधरी, केदार यादव, प्रदीप यादव, राकेश यादव, मनीष कुमार, सुरेश रविदास, संजय यादव, मुस्लिम अंसारी आदि समेत कई साथी मौजूद थे.
खेल मैदान, तीसरी में भाकपा(माले) नेता मंटू शर्मा की अध्यक्षता व मुन्ना शर्मा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत शहीद कामरेड महेंद्र सिंह एवं किसान आंदोलन में शहीद उन दर्जनों किसानों श्रद्धांजलि देकर की गई.
इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए का. राजकुमार यादव ने कहा कि तानाशाह मोदी सरकार देश को कारपोरेट घरानों के हाथ में बेचने का काम कर रही है. ये तीन कृषि बिल देश के किसानों की जमीन हड़पने की साजिश है. सरकार किसान विरोधी तानों काले कानून वापस ले नहीं तो भाकपा(माले) के नेतृत्व में किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं. मौक़े पर माले प्रखंड सचिव जयनारायण यादव, प्रकाश यादव, भोला साव, रमेश कुमार आदि समेत हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे. रामस्वरुप यादव एवं अरुण राम भाजपा छोड़ भाकपा(माले) में शामिल हुए.
बरहमसिया चौक, बिरनी में बिहार के अगिआंव क्षेत्र के विधायक व आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. मनोज मंजिल, बिरनी के प्रखंड सचिव सीताराम सिंह, इनौस के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार एवं मुमताज अंसारी समेत अन्य नेताओं की अगुआई में मानव श्रृंखला बनाई गई.
थाना मोड़, देवरी में आयोजित मानव श्रृंखला में भारी तादाद में गरीब मजदूर-किसानों ने भाग लिया. बिहार के फुलवारी शरीफ के विधायक कामरेड गोपाल रविदास ने भी मानव श्रृंखला में शिरकत कर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई. भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य उस्मान अंसारी, रामकिशुन यादव, अजय चौधरी, सुनील रविदास, सुनील राय, कुलदीप राय, शंकर दास, मुस्तकीम अंसारी समेत सैकड़ों लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे. मानव शृंखला के बाद आयोजित सभा में भारी तादाद में लोग शामिल हुए.
पिपचो (जयनगर) में भाकपा(माले) प्रखंड सचिव अशोक यादव की अध्यक्षता व जिला कमेटी सदस्य मुन्ना यादव संचालन में कार्यक्रम आयोजित हुआ. शहीद का. महेन्द्र सिंह की तस्वीर पर माल्यार्पण कर एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई और उनके अधूरे कार्यों आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया. यहां लंबी दूरी तक मानव श्रृंखला बनाकर किसान आंदोलन का समर्थन किया गया. समापन के मौके पर आयोजित संकल्प सभा को पंचायत समिति प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह, एक्टू के जिला संयोजक विजय पासवान, इंनौस के कौलेशर राणा व अनवर हुसैन, आइसा के जिला सचिव सलीम अंसारी, जिला कमेटी सदस्य राजेंद्र प्रसाद, अजय यादव, भोला यादव आदि ने संबोधित किया.
तेतरौन चौक (जयनगर) कोडरमा में जिला कमेटी सदस्य शंभूनाथ की अध्यक्षता में संकल्प सभा और मानव श्रृंखला कार्यक्रम संपन्न हुआ. मौके पर रामचंद्र साव, मुन्ना सिंह, शारदा देवी, शिव शंकर दास, कैलाश दास, पंचायत समिति सदस्य संगीता देवी, चांद अख्तर, कविता देवी, चिंता देवी, प्रमिला देवी, जमीला खातून, मनीषा देवी, ललिता देवी, मुखिया प्रतिनिधि भोला यादव, महेंद्र दास, सीता देवी, जसोदा देवी समेत सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे.
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का. महेन्द्र सिंह के 16वां स्मृति दिवस देश में चल रहे किसान आंदोलन को समर्पित रहा. उस दिन किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों व प्रस्तावित बिजली बिल 2020 को रद्द करने की मांग पर दिल्ली बोर्डर लंबे समय से चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में कोडरमा संसदीय क्षेत्र में लगभग 50 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई.
बिहार के सात भाकपा(माले) विधायक का. महेन्द्र सिंह स्मृति दिवस के मौके पर आयोजित होनेवाली मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए बगोदर पहुंचे. विधायक अरूण सिंह ने सरिया, सुदामा प्रसाद ने राजधनवार, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने बिरनी, मनोज मंजिल ने बगोदर, गोपाल रविदास ने देवरी, महानंद सिंह ने जमुआ व रामबलि सिंह यादव ने गिरिडीह में मानव श्रृंखला में भागीदारी की.
मानव श्रृंखला में महिलाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी और महिला नेताओं की नेतृत्वकारी भूमिका गौर करने लायक थी. भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य का. पूनम महतो ने बगोदर, का. कौशल्या दास ने राजधनवार, का. जयंती चौधरी ने मंसेडीह, बगोदर उपप्रमुख सरिता साव ने तिरला मोड़, जिला पार्षद सरिता महतो ने दोंदलो, जिला पार्षद रेणु रवानी ने सरिया तथा राज्य कमेटी सदस्य का. मीना दास और ऐपवा नेत्री सरिता यादव व नूरेशा खातून ने जमुआ व पंचायत समिति सदस्य संगीता देवी ने तेतरौन चौक में मानव श्रुंखला का संचालन किया. हजारों की तादाद में महिलाओं ने इसमें हिस्सा लिया.
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भाकपा(माले) के केंद्रीय कमिटी सदस्य, बगोदर से लगातार तीन बार विधायक व बिहार-झारखंड के चर्चित नेता महेन्द्र सिंह को उनके शहादत दिवस पर 16 जनवरी 2021 को बिहार मेें पार्टी के राज्य कार्यालय सहित पूरे बिहार में श्रद्धांजलि दी गई. राज्य कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में माले राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, राज्य सचिव शशि यादव, उमेश सिंह, प्रकाश कुमार, संगीता सिन्हा, रीता वर्णवाल, समकालीन लोकयुद्ध के सह-संपादक प्रदीप झा, संतलाल सहित कई पार्टी-नेता कार्यकर्ता शामिल हुए, शहीद काॅमरेड को श्रद्धांजलि दी व उनके चित्र पर माल्यार्पण किया.
शहादत दिवस पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि महेन्द्र सिंह बिहार-झारखंड के जननेता थे. उन्होंने एक सच्चे जनप्रतिनिधि की मिसाल पेश की. विधान सभा में उनकी आवाज क्रांतिकारी विपक्ष की सशक्त आवाज थी. उन्होंने सदन से लेकर सड़क तक गरीबों-शोषितों व वंचितों की आवाज को बुलंद किया. वे कम्युनिस्ट आंदोलन के प्रेरणा स्रोत, जल-जंगल-जमीन के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक दुर्धर्ष योद्धा थे.
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