29 दिसंबर 2020 को कानपुर के जानेमाने मजदूर नेता कामरेड अनंत राम वाजपेई (85 वर्ष) का महानगर के एक अस्पताल में निधन हो गया.
का. कानपुर शहर में टेम्पो फादर के नाम से चर्चित का. अनंत ने टेक्सटाइल मजदूर के रूप में अपना जीवन शुरु किया. मिल प्रबंधन से टकराव में कुछ ही दिनों बाद उन्हें नौकरी छोड़ी पड़ी. समझौते में जो पैसा मिला उससे उन्होंने एक गणेश टेंपो खरीदा, जिसे कुछ ही दिनों बाद उन्हें उसे बेच देना पड़ा. टेंपों चालकों व मालिकों के पुलिस द्वारा होनेवाले उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन ने उन्हें नई पहचान दी. इस दौरान तमाम आंदोलनों जिसमें कम से कम 500 सड़क जाम आंदोलन तो जरूर हुए होंगे, उनका नाम शामिल रहा. पुलिसिया पिटाई के कारण उन्हें बपने सारे दांत उखड़वाने पड़े थे. कई फर्जी मुकदमें उन पर दर्ज हुए और कई बार जेल जाना पड़ा. एक बार तो पुलिस उनका एनकाउंटर करने जा रही थी लेकिन टेंपो चालकों की जुझारू एकता के कारण वह पीछे हट गई.
वे माकपा से जुड़े लेकिन अपने जुझारू स्वभाव के कारण वहां से हट पाए और ऐक्टू में आ गए. वर्ष 1982 (ऐक्टू की स्थापना काल) से लेकर 2017 तक वे ऐक्टू की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य रहे. वे कानपुर टेक्सटाइल मजदूर एकता मंच के संस्थापक अध्यक्ष और 1980 से ही उत्तर प्रदेश टैक्सी टेंपो यूनियंस के प्रदेश अध्यक्ष के थे और आजीवन इन जिम्मेवारियों में क्रियाशील रहे. वे टेक्सटाइल उद्योग में मजदूर विरोधी सुधारों के खिलाफ कानपुर के ऐतिहासिक रेल रोको आंदोलन में भी प्रमुख नेतृत्वकारी भूमिका में रहे.
वे 1986 मे आइपीएफ व भाकपा(माले) के सदस्य बने तथा आइपीएफ प्रत्याशी के बतौर गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा. वे भाकपा(माले) और लाल झंडे के प्रति हमेशा वफादार रहे. एक वाकया यह है कि सपा नेता मुलायम सिंह यादव उन्हें सपा में शामिल कराने की मंशा से अपनी कार से कन्नौज ले गए. लेकिन पता चलते ही वे वहां से भाग खड़े वे कि मैं तो लाल झंडे का सिपाही हूं, मुझे तो क्राति में शामिल रहना है.
पिछले कई दिनों से वे बीमार थे. उनकी अंतिम यात्रा में ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड विजय विद्रोही, भाकपा(माले) के कानपुर जिला प्रभारी विजय कुमार, यूनियन नेताओं, कर्मियों सहित कई अन्य लोग व परिजन शामिल रहे.