इलाहाबाद में पीयूसीएल व स्वराज विद्यापीठ ने जस्टिस रामभूषण मेहरोत्र स्मृति व्याख्यान के तहत ‘मानवाधिकार व नागरिकता’ विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया. स्वराज विद्यापीठ में आयोजित इस कार्यक्रम को समकालीन जनमत के प्रधान संपादक का. रामजी राय ने मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित किया. का. रामजी राय ने कहा कि मोदी सरकार संविधान में प्रदत्त आजादी, समानता, बंधुत्व पर नागरिकता संशोधन बिल व एनआरसी के जरिए बड़ा हमला करने जा रही है. आज देश की बड़ी आबादी से नागरिकता छीन लेने की तैयारी सरकार ने कर ली है. इसके निशाने पर मुसलमानों के साथ-साथ सभी धर्मों की गरीब जनता है. इसका विरोध असम से लेकर पूरे देश में बढ़ रहा है. उन्होंने हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल के लिए 1857 को याद रखने की जरूरत बताई जिससे अंग्रेज भी डर गए थे. आज पूरे देश के सभी हिस्सों पर दमन हो रहा है चाहे छात्र, नौजवान, महिला, मजदूर, कर्मचारी व किसान कोई भी हो.
‘आजादी बचाओ’ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक डा. कृष्ण स्वरूप आनंदी ने कहा कि आज जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी नागरिकता का हक मिल गया है, नागरिकों का नागरिक होने का हक छीना जा रहा है. अध्यक्षता करते हुए पीयूसीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रविकिरण जैन ने कहा कि सरकार द्वारा जारी दमन को न्यायालयों का भी सहयोग मिल रहा है. एक राज्य (कश्मीर) को कैद कर रखा गया है. कोर्ट ईमानदारी से न्याय के खिलाफ फैसला दे रहे हैं. सभी वक्ताओं ने नागरिकता संशोधन विधेयक व एनआरसी को देश के लिए खतरा बताते हुए आज के हालात में लोगों के बीच जाने पर जोर दिया. मानवाधिकार कार्यकर्ता ओडी सिंह, माकपा नेता हरिश्चंद्र द्विवेदी, ऐक्टू के राज्य सचिव अनिल वर्मा, भाकपा(माले) जिला प्रभारी डा. कमल, आनंद मालवीय, सीमा आजाद, उत्पला, अविनाश, गायत्री गांगुली, सुनील मौर्य आदि भी इस कार्यक्रम में शामिल रहे.