भाकपा(माले) के जम्मू-कश्मीर राज्य सचिव निर्दोष उप्पल ने 7 दिसंबर 2019 को एकदिवसीय हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया. इस हड़ताल के जरिये इंटरनेट सुविधाओं व मोबाइल डैटा को पुनः बहाल करने, जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य बनाने और उसे विशेष दर्जा देने, जम्मू बार एसोसिएशन की हड़ताल का समर्थन करने और जम्मू क्षेत्र में टाॅल प्लाजा को हटाने की मांग की गई.
का. निर्दोष उप्पल ने कहा कि भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर की जनता की भावनाओं और आकांक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है. इंटरनेट व मोबाइल डैटा पर लगे प्रतिबंध से जम्मू-कश्मीर की जनता के विकास और व्यवसाय को काफी नुकसान हुआ है. यह राज्य पहले से ही देश में लागू की गई नोटबंदी और जीएसटी के गलत ढंग से क्रियान्वयन – जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था तीखी मंदी का शिकार हो गया है – के दुष्प्रभावों से कराह रहा था.
भाकपा(माले) ने जम्मू क्षेत्र में तूफानी मौसम, भारी बारिश और झंझावात के चलते हुए भारी नुकसान को देखते हुए समूचे जम्मू-कश्मीर में किसानों के लिए मुआवजे की भी मांग की है, पार्टी ने कहा कि इस वर्ष नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में भारी बर्फबारी और बर्फानी तूफानों से (नारंगी व सेब) बागान मालिकों को भी बहुत क्षति उठानी पड़ी है. लोगों को हुई भारी क्षति और अर्थतंत्र की मंदी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के व्यापारियों व छोटे उद्योगपतियों को राहत देने के मकसद से इनके जीएसटी भुगतान को माफ किया जाना चाहिए, क्योंकि ये लोग ही जम्मू में अर्थतंत्र की रीढ़ हैं.
भाकपा(माले) ने यह मांग भी की है कि जम्मू व कश्मीर में जीएसटीकी दरों में सुधर कर उन्हें देश के अन्य उत्तरी राज्यों के समकक्ष बनाया जाए, क्योंकि यह एक तथ्य है कि जीएसटी की ऊंची दरों ने जम्मू-कश्मीर में शराब माफियाओं को प्रोत्साहन दिया है और पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी में भारी वृद्धि हुई है.