वर्ष - 29
अंक - 28
15-07-2020

भाकपा(माले) विधायक दल के नेता व केंद्रीय कमेटी सदस्य महबूब आलम व वरिष्ठ नेता केडी यादव ने 6 जुलाई को राज्य के विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर राज्य में वर्चुअल तरीके से कराए जा रहे चुनाव के विरोध में चुनाव आयोग को संयुक्त ज्ञापन सौंपने की अपील की.

माले नेताओं ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानंद सिंह व महासचिव श्री आलोक मेहता; हम (से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतनराम मांझी, सीपीआई के राज्य सचिव का. सत्यनारायण सिंह और सीपीएम के राज्य सचिव का. अवधेश कुमार को इस संबंध में पार्टी की ओर से पत्र व चुनाव आयोग को दिए जाने वाले ज्ञापन का प्रारूप सौंपा. कांग्रेस, वीआईपी और रालोसपा के किसी नेता से मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन उन पार्टियों के नेताओं से भी चुनाव आयोग को संयुक्त ज्ञापन सौंपने की अपील की है.

का. महबूब आलम ने कहा कि भाजपा व जदयू राज्य में वर्चुअल रैली कराकर विधानसभा चुनाव हड़पना चाहती है और जनता के आक्रोश से बचना चाहती है, लेकिन ऐसा हम होने नहीं देंगे. इसको लेकर सभी विपक्षी दलों के बीच आम सहमति है. कोरोना का भी प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. भाजपा व जदयू ने इस ओर से अपना मुंह पूरी तरह फेर लिया है और उसे जनता की अब कोई चिंता नहीं रह गई है.

विपक्षी दलों का मानना है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच वर्चुअल तरीके से कराया जा रहा चुनाव जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों व आकांक्षाओं की सही अभिव्यक्ति नहीं कर पाएगा, क्योंकि इसमें भाजपा-जदयू जैसी पार्टियां सत्ता, ताकत व पैसे का खुलकर इस्तेमाल करेंगीं और आर्थिक रूप से कमजोर पार्टियां अपनी बात जनता तक आंशिक रूप से ही पहुंचा पाएंगी. विपक्षी दल चुनाव आयोग से जानना चाहेंगे कि वह आखिर कैसे सभी दलों को समान अधिकार की गारंटी करेगा और कोरोना से संक्रमण पर कैसे रोक लगाएगा?

विपक्षी दलों के बीच विचार-विमर्श के लिए ज्ञापन का प्रारूप दिया गया है, उनके सुझाव व जरूरी संशोधनों के बाद विपक्ष का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा और इस संबंध में ज्ञापन सौंपेगा.