वर्ष - 29
अंक - 15
28-03-2020

गत 4 अप्रैल 2020 को जयपुर के भट्टा बस्ती क्षेत्र में लाॅकडाउन के चलते स्थानिय निवासी महिला के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार महिला अपने बच्चे के साथ भट्टा बस्ती थाने में राशन लेने पहुंच थी. महिला को राशन न मिलने के कारण खाली हाथ लौटना पड़ा. लेकिन घर पहुंचने से पहले पुलिस की गाड़ी ने महिला को रोकते हुए घर से बाहर आने का कारण पूछा. महिला ने थाने से राशन लेने आने की बात बताई लेकिन महिला कान्स्टेबल ने एक न सुनी और डंडे बरसाना शुरू कर दिया. जब पीड़ित महिला के साथ पिटाई हुई तब महिला के पहनी चूड़ियों के कारण हाथों से खून बहने लगा और तब जाकर पुलिस ने छोड़ा.
   
पुलिस के डर से इस घटना की शिकार हुई महिला ने किसी को कोई जानकारी नहीं  दी. महिला के शरीर पर पूरे शरीर पर चोट के निशान होने से गम्भीर रूप से बीमार हो गई. किसी तरह इस घटना की सूचना सीपीएम जिला सचिव सुमंत्री चोपड़ा, एनएफआईडब्ल्यू राज्य सचिव निशा सिद्धू और भाकपा माले के जिला सचिव राहुल चौधरी को मिली. इन तीनों के प्रतिनिधिमंडल ने घटना की शिकायत थानाधिकारी से की तो उसने बुरी तरह व्यवहार किया और अपने कामों में व्यस्त होना बताया और थाने के स्टाफ से कहा कि अगर ये महिलाएं यहां से न जाए तो इन्हें थाने में बंद कर दिया जाए. सुमंत्री चोपड़ा ने अधिकारी से एफआईआर दर्ज करने की गुजारिश की लेकिन उन्होंने इस घटना को टालते हुए कहा कि क्या सबूत है कि किसी महिला के साथ महिला काॅन्स्टेबल ने मारपीट की है. उस पीड़ित महिला पर शक करते हुए कहा कि यह तो अपने पति से पिट कर आई है और हमारे पास तो कोई महिला काॅन्स्टेबल भी नहीं है.

पीड़ित महिला से अधिकारी की बात का जवाब देते हुए कहा कि उसका पति तो सीकर में है, तब यह बात सुनते ही एसएचओ ने बात बदलते हुए कहा कि अपने पति को घर बुलाने के लिए झूठा ड्रामा कर रही है. इसके बात एसएचओ ने अपने स्टाफ को लाॅठीचार्ज करने का आदेश दिया और कहा इन सभी को थाने से बाहर करो. यह बात सुनते ही पुलिस स्टाफ वाले सभी को घेरते हुए लाॅठी चार्ज करने के लिए तैयार हो गए.

ये सब देखते हुए राहुल चौधरी ने पीयूलीएल महासचिव कविता श्रीवास्तव को मामले की जानकारी दी और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय लाम्बा को घटना की जानकारी दी. अजय लाम्बा ने निशा सिद्धू से बात की और थानाधिकारी को फटकारा. इसके बाद पीड़ित महिला के मामले की एफआईआर दर्ज हुआ. कुल मिला कर ये साबित हो गया कि गरीब को न राशन मिलेगा न भोजन अगर मिलेगा तो कानून का डंडा.

जब राशन कार्ड धारकों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो उनके बारे में विचार कीजिये जो लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर यहां फंसे हुए है. कल भी सुमंत्री चोपड़ा, राहुल चौधरी, निशा सिद्धू, संजय माधव, संजीव कुमार सुबह 12 बजे से शाम 8 बजे तक कलेक्टर से समय लेते रहे पर कलेक्टर ने 2 मिनट का समय भी नहीं दिया. यहां कोई अधिकारी नहीं मिला जो प्रवासी मजदूरों को सूखा राशन की व्यवस्था में लगा हो जबकि सरकारी योजनाओं के कागज में राशन हर मजदूर तक पहुंच रहा है.