कोरोना वायरस-लौकडाउन के बहाने नीतीश सरकार की पुलिस भाजपा-जदयू संरक्षित सामंतों से गठजोड़ बना कर गरीब दलित मुशहर समुदाय के घरों में छापेमारी, पिटाई, डकैती, हत्या और महिला-बच्ची की इज्जत आबरू लूट रही है. इस संदर्भ में भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी सदस्य व खेग्रामस राज्य सचिव का. गोपाल रविदास के नेतृत्व में एक जांच दल को अपने दौरे में पटना जिले के विभिन्न प्रखंडों से कई रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं.
लाॅकडाउन के बहाने शराबबंदी के नाम पर मसौढ़ी, धनरुआ, पुनपुन, विक्रम के इलाकों में लगातार मुसहर जाति को टारगेट कर छापेमारी, तोड़फोड़, मारपीट, लूटपाट की जा रही है. धनरुआ के सदिशोपुर, नदपुरा, और मसौढ़ी के तिनेरी व चपौर तथा बिक्रम के चिचौड़ा मुशहरी में भाजपा-जदयू संरक्षित सामंती अपराधी और पुलिस के गठजोड़ द्वारा हमला किया गया. नंदपुरा और सदीशोपुर मुसहरी टोला में 27 मार्च से ही लगातार पुलिस प्रशासन बेवजह छापामारी कर रही है पुलिस के साथ भाजपा-जद(यू) के सामंती अपराधी मिलकर महिलाओं-बच्चों समेत गरीबों की पिटाई, लूटमार की जा रही है. घर के सामान की तोड़फोड़ के साथ ही पीने का चापाकल को तोड़ दिया जा रहा है. यह सारी कारवाई अनुमंडल स्तर के डीएसपी के नेतृत्व में चली है. इसी क्रम में सदीशोपुर के बीमार बोथा मांझी की बेरहमी से पिटाई की गई जिससे 2 अप्रैल को उनकी मौत हो गई. जिसकी खबर भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य गोपाल रविदास ने मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी को लिखित दी गई थी लेकिन अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी ने भी इसकी नोटिस नहीं ली.
इसी दिन तिनेरी मुसहरी में पुलिस भारी बल के साथ पहुंची, साथ में भाजपा आरएसएस से जुड़े सामंती अपराधी थे. शराब की छानबीन के नाम पर यहां भी पिटाई व लूटपाट की गई. अगले दिन 28 मार्च को पुलिस ने गांव पहुंच कर रोहित कुमार को नक्सलाइट बताते हुए बेवजह बेरहमी से पिटाई की. गंभीर स्थिति में पीएमसीएच पटना अस्पताल ले गये जहां उनकी मृत्यु हो गई. जब लाश को गांव लाकर दाह संस्कार किया जा रहा था तो सामंती अपराधी नरेंद्र सिंह के बुलाने पर आये पुलिस बल ने दाह संस्कार रोकने की कोशिश की मगर जनता के भारी विरोध के चलते पुलिस को पीछे हटना पड़ा. मगर 29 मार्च को पुनः तिनेरी मुसहरी में भारी पुलिस बल पहुंचा जिसके साथ एक दर्जन सामंती भूमिहार हथियारों के साथ आये. उन्होंने सरस्वती कुमारी को बलात्कार की नीयत से पकड़ लिया. जब रूबी देवी ने इसका विरोध किया तो उनका किवाड़ तोड़कर लोहे की राॅड से हमला किया गया. इस दौरान पिटाई, लूटपाट चलती रही और कई ग्रामीण घायल हो गये.
प्रखंड विक्रम के चिचौड़ा गांव में भाजपाई सामंती अपराधी के द्वारा गठजोड़ बना कर पालीगंज अनुमंडल पुलिस प्रशासन शराब खोजने गांव में पहुंची और महिला-पुरुष नौजवानों की बेरहमी से पिटाई की तथा लूटपाट व तोड़फोड़ की. यह सारी करवाई पालीगंज के डीएसपी के नेतृत्व में हुई.
जांच दल ने कहा कि लाॅकडाउन के बहाने मुसहरी को खास करके लक्षित करके तबाह किया जा रहा है इसके पीछे एक राजनीतिक साजिश है. यह सभी गरीब भाकपा-माले से जुड़े हुए हैं जो लम्बे अरसे से सामंती शक्तियों व प्रशासन के खिलाफ संघर्ष चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह सामंती शक्तियां व उनके इशारों पर चलने वाली पुलिस भाकपा(माले) की ताकत व गरीबों की दावेदारी को कमजोर करना चाहती है मगर हम उनकी इस साजिश को कत्तई सफल नहीं होने देंगे.
जांच दल ने बताया कि आज के तारीख में पूरे पटना जिला में कहीं भी व्यवस्थित रूप से राशन गांव में नहीं पहुंचा है. डीलर के पास राशन मांगने जा रहे हैं तो कह रहा है कि जब हमको को राशन मिला ही नहीं है. या तो राशन डीलर झूठा है या बिहार की नीतीश सरकार.
कामरेड रविदास ने पटना जिला प्रशासन और नीतीश सरकार से मांग की है कि ग्रामीण गरीबों, खासकर मुशहर समुदाय के टोला पर जब कोरोना जैसी विपदा है ऐसे समय में गरीबों को जिन्हें काम नहीं मिल रहा है, खाने के संकट बना हुआ है, वहां खाना पहुंचाने और चावल राशन देने की दिशा में प्रयासरत होना चाहिए. बचाव के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करना चाहिए, दवा और मास्क तथा सैनिटाइजर पहुंचाने की दिशा में काम करना चाहिए तो शराब खोजने जा रही है.
उन्होंने कहा कि भाकपा(माले) और सारी गरीब जनता कोरोना से लड़ने को प्रतिबद्ध है और इसीलिये लाॅकडाउन का पूरे अनुशासन के साथ पालन किया जा रहा है. मगर पुलिस की गलत कार्रवाई से लौक डाउन के अनुशासन को तोड़ा जा रहा है, जिसकी जवाबदेही पुलिस पर ही जाती है. इस गलत कार्रवाई पर रोक लगाई जाय और जिन लोगों की पिटाई हुई है, गंभीर घायल हैं, जिनकी मौत हो गई है, उसके लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की व्यवस्था की जाये. और तत्काल गरीबों में राशन वितरण हो, मारपीट की कार्रवाई पर रोक लगे, सकारात्मक कार्रवाई की दिशा में तत्काल प्रशासन को बढ़ना चाहिए. भाकपा-माले अनुशासन का पालन कर कोरोनावायरस को हर हाल में मात देना चाहती है. इस दिशा में भाकपा-माले कैडर लगे हैं. हमने पहले भी जिला और अनुमंडल प्रशासन को लाॅकडाउन और कोरोनावायरस को भगाने में कैडरो को लेकर सहयोग की अपील की थी. लेकिन हमें स्वतंत्र ढंग से काम नहीं करने दिया जा रहा है. अनुशासन के तहत भाकपा-माले अच्छी लड़ाई भी लड़ रही है. आज के जांच दल में भाकपा माले के गोपाल रविदास केंद्रीय कमेटी सदस्य, भाकपा माले, पार्टी के जिला कमेटी सदस्य दिनेश चौधरी, माले नेता नरेंद्र सिंह, खेत मजदूरों के नेता संजय पासवान और वीरेंद्र प्रसाद, प्रमोद यादव मुखिया तथा महिला नेता आशा देवी आदि मौजूद रहे.
– गोपाल रविदास