कानपुर देहात के थाना गजनेर अन्तर्गत मंगटा गांव में गत 13 फरवरी को दलितों पर पुलिस बल की मौजूदगी में भारी संख्या में हथियारबंद दबंगों द्वारा किये गये जानलेवा हमले और आगजनी की घटना की जांच-पड़ताल के लिए 16 फरवरी को माले की चार सदस्यीय टीम उर्सला अस्पताल, कानपुर में भर्ती पीड़ित घायलों से मिली, उनका हालचाल जाना और घटना के सम्बन्ध में पूछताछ की. घटना में 30 लोग बुरी तरह से घायल हैं. उन पर हमला तब हुआ, जब वे गांव में भीम कथा सुन रहे थे. हमलावरों ने किसी को भी नहीं छोड़ा. जिसे पाया, चाहे वह बच्चा ही क्यों न हो, बुरी तरह पीटा. पुरुष किसी तरह जान बचा कर भाग गये. महिलाओं और लड़कियों को बुरी तरह मारा गया है. ज्यादातर लागों का सर फटा है और हाथ-पैरों की हड्डियां टूटी हैं.
जांच दल ने घटना की कड़ी निन्दा करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाने, सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर जेल भेजने, घायलों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने तथा अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, घटना के समय मौजूद पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने तथा उनकी भूमिका की जांच करके उन्हें दण्डित करने व ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसकी गारंटी करने की मांग करते हुए इस घटना के लिए सीधे तौर पर योगी सरकार को जिम्मेदार माना है. राज्य समिति के सदस्य आरएस सेंगर के नेतृत्ववाली टीम में आरपी सिंह, एमएस जैदी व राम आसरे शामिल थे.