ऐपवा द्वारा भैरव बस्ती, शारदापारा (भिलाई) में 26 जनवरी 2020 को महिला सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन की शुरूआत में महिलाओं के अधिकारों के लिए शहीद हुईं महिलाओं को एक मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया तथा छत्तीसगढ़ी गीत गाया गया.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऐपवा की छत्तीसगढ़ संयोजक लक्ष्मी कृष्णन ने कहा कि मोदी सरकार की महिला-विरोधी नीतियों व कारनामों के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने की जरूरत है. उन्होंने महिला आंदोलन में ऐपवा की भूमिका के बारे में बताया. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि महिलाओं, खासकर छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं की आजादी, सुरक्षा और सम्मान की गारंटी की जाए. उन्होंने बताया कि शाहीन बाग की तर्ज पर भिलाई के सुपेला में भी रोज शाम सीएए, एनसीआर और एनपीआर के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें ऐपवा सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा है. आज हमारे गणतंत्र पर सरकार चौतरफा हमला कर रही है, सम्मेलन को रानी सोनी, सावित्री महिलांग, मीना कोरसे, गीता दूसीया, इंद्रा जोशी, अलीकुन्निसा, ऐक्टू नेता अशोक मिरी और माले नेता बृजेन्द्र तिवारी आदि लोगों ने संबोधित किया.
सम्मेलन में ऐपवा के 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने में सहयोग की अपील की गई तथा ऐपवा का सदस्यता अभियान चलाने का भी आह्वान किया गया. सम्मेलन के जरिये ऐपवा की 13-सदस्यीय भिलाई कमिटी का गठन किया गया. कमिटी ने रानी सोनी को अध्यक्ष, पाचो बाई बंजारे को सचिव, मीना कोसरे को उपाध्यक्ष और सावित्री महिलांग को सह सचिव चुना.
– लक्ष्मी कृष्णन