एआइपीएफ और नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 20 जनवरी 2020 को इलाहाबाद कलक्टर से मुलाकात कर उन्हें लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन और पूर्व आइएएस अधिकारी कन्नन गोपीकृष्णन को 18 जनवरी के दिन इलाहाबाद हवाई अड्डे से ही वापस दिल्ली लौटने को मजबूर किए जाने के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा. गोपीकृष्णन एआइपीएफ और नागरिकों द्वारा उस दिन आयोजित किए जा रहे एक सिंपोजियम में हिस्सा लेने आ रहे थे.
इस सिंपोजियम के माध्यम से निम्नलिखित मांगों के प्रति प्रशासन के आचरण की भर्त्सना करते हुए सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया:
- दोषी अधिकारी सिंपोजियम के आयोजकों और प्रयागराज की जनता के समक्ष माफी मांगें;
- सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रतिवादों को सुरक्षा प्रदान की जाए;
- धारा 144 के नाम पर प्रतिवादकारियों के खिलाफ लादे गए गैर-जरूरी मुकदमों को खत्म किया जाए;
- प्रशासन इस बात की गारंटी करे कि प्रयागराज में फिर से ऐसी घटनाएं न हों;
- कन्नन को बोलने से रोकना इलाहाबाद की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ है और यह इलाहाबाद के लिए एक अभूतपूर्व मिसाल है.
इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधयक अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व विधान पार्षद शिवसेवक सिंह, गंगा, डा. कमल उसरी, राम सागर, रिषेश्वर उपाध्याय, सुभाष पांडेय, विनोद तिवारी, ओम प्रकाश पाल, अनिल वर्मा तथा प्रयागराज के अन्य विशिष्ट नागािक शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ओडी सिंह कर रहे थे.