भाकपा(माले) आहूत राष्ट्रीय जनजागरण अभियान 11-17 नवम्बर के समापन के अवसर पर उत्तराखंड राज्य कार्यालय, बिन्दुखत्ता में पार्टी के नेतृत्वकारी साथियों की एक बैठक आयोजित हुई. राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी और अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार का आक्रामक रुख भारतीय लोकतंत्र व संविधान की मर्यादा को छिन्न भिन्न कर रहा है. मोदी सरकार 1947 में मिली आजादी और तत्पश्चात निर्मित संविधान को ताक में रख देश के आम नागरिकों, खासकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों व गरीबों को अपने डिटेंशन कैम्प अभियान से दहशत में जीने को बाध्य कर रही है. पहले कश्मीर को खुली जेल में तब्दील किया गया और अब एनआरसी/नागरिकता संसोधन बिल की देश के आम नागरिक के ऊपर तलवार लटका दी गई है. उन्होंने कहा कि देश में रहने वाला हर व्यक्ति देश का नागरिक है और उसके संविधान सम्मत मौलिक अधिकार को किसी को भी जब्त करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
उन्होंने कहा कि मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं फैसला उसके अनुरूप नहीं है. जिन लोगों ने 6 दिसंबर 1992 को दिन दहाड़े बाबरी मस्जिद गिरा कर पूरी दुनिया में भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार किया वो आज विजय पताका फहरा रहे हैं. यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक त्रासदी ही है. रोजी-रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, जमीन व सम्मान के लिए तथा संविधान व लोकतंत्र की संघ परिवार से रक्षा के लिए दूसरी आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए चौतरफा प्रयास करते हुए वाम-लोकतांत्रिक देशभक्त ताकतों की व्यापक एकता समय की मांग है.
इस अवसर पर किसान व महिला संगठन को मजबूत करने और जनजागरण अभियान में उठाए गए मुद्दों को और भी व्यापक जनसमुदाय के बीच ले जाने का निर्णय लिया गया. बैठक में वरिष्ठ नेता कामरेड बहादुर सिंह जंगी, आनंद सिंह नेगी, कैलाश पाण्डेय, ललित मटियाली, नैन सिंह कोरंगा, गोविंद सिंह जीना, कमल जोशी, हरीश चंद्र सिंह भंडारी, सुचारू बाला मंडल, विमला रौथाण आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए.