केरल के पालक्काड जिले के वालायार में वर्ष 2017 में दो कम उम्र की लड़कियां फांसी से लटकती पाई गई थीं. 13-वर्षीय लड़की जनवरी 2017 में और उसी घर में उसकी 9-वर्षीय बहन मार्च 2017 में फांसी से लटकती मिली थीं. परिस्थितिजन्य सबूत और मेडिकल जांच बताते थे कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि बलात्कार और हत्या का मामला है, लेकिन पुलिस ने शुरूआत से ही सबूतों और सुरागों की अनदेखी करके जांच से कतराने और इसे आत्महत्या का मामला बताकर टालने की कोशिश की. अंततः चंद लोगों को को आरोपी बनाकर मुकदमा चलाया गया और सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. नियमों का चरम उल्लंघन करते हुए आरोपियों के पक्ष में लड़ने वाले एक वकील को पालक्काड शिशु कल्याण कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया. जब मुकदमे में तमाम आरोपी बरी हो गये तो इस बात पर मचे हल्ले के चलते अंततः उनको इस पद से हटाना पड़ा. जाहिर है कि पुलिस ने जांच में और आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने में कोताही की है. ऐपवा ने इस मामले की नये सिरे से जांच करने तथा बलात्कार-हत्या को अंजाम देने वाले अपराधियों को सजा देने की मांग की है.