एआइटीयूसी के पूर्व महासचिव, वरिष्ठ सांसद और बीमा कर्मचारियों के लोकप्रिय नेता कामरेड गुरुदास दासगुप्ता का गत 31 अक्टूबर 2019 को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. छात्र जीवन में ही कामरेड गुरुदास ने कम्युनिस्ट आंदोलन में भागीदारी की शुरूआत की थी और वे सारी जिंदगी धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतंत्र तथा मजदूरों के अधिकारों के लिये अनथक योद्धा के बतौर संघर्षरत रहे. उनका निधन एक ऐसे दिन हुआ जब भारत के मजदूर वर्ग के पहले संगठन एआईटीयूसी के गठन के ऐतिहासिक सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं. कामरेड गुरुदास सन् 2001 से लगातार 17 वर्ष तक एआईटीयूसी के महासचिव रहे और स्वास्थ्य सम्बंधी कारणों से उन्होंने इस पद से अवसर लिया. साथ ही 1995 से वे राज्य सभा और लोकसभा में पांच बार निर्वाचित हुए थे. कामरेड गुरुदास का निधन मजदूर आंदोलन और फासीवाद-विरोधी आंदोलन के लिये विराट क्षति है. उनके निधन पर भाकपा(माले) शोक व्यक्त करती है.
कामरेड गुरुदास दासगुप्ता को लाल सलाम!