भोजपुर जिले के बड़ौरा गांव में उर्दू प्राथमिक विद्यालय और कन्या मध्य विद्यालय में वर्ग भवन, शिक्षक और बेहतर पढ़ाई की मांग पर वहां के छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने भारी तादाद में एकत्र होकर विगत 19 अक्टूबर 2019 को गड़हनी प्रखंड मुख्यालय परिसर में ‘सड़क पर स्कूल’ लगाया. यह कार्यक्रम आइसा, इनौस और भगत सिंह युवा ब्रिगेड के शिक्षा अधिकार आंदोलन के तहत आयोजित था.
उर्दू प्राथमिक विद्यालय (सन् 1947 में स्थापना) बड़ा चर्चित स्कूल था. स्कूल के लिए गांव के मुस्लिम समुदाय ने अपनी कब्रिस्तान की जमीन दी थी. 10 साल पहले यह विद्यालय जर्जर हो गया. यही हाल उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बड़ौरा का भी है. यहां क्लास रूम के नाम पर मात्र दो छोटे-छोटे कमरे हैं. एक कमरे में पहली से पांचवीं क्लास तक और दूसरे में छठी से आठवीं क्लास तक के बच्चे बैठते हैं. विद्यालय में नामांकित छात्रों की कुल संख्या 263 है. ग्रामीणों की लगातार गुहार और सांसद व केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह व स्थानीय विधायक प्रभुनाथ राम व शिक्षा अण्किारियों के आश्वासन भी खाली गए.
रात्रि के लगभग 9 बजे शिक्षा विभाग के जिला पदाधिकारी और एसडीएम वहां पहुंचे. कहा कि दो दिनों बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी और अमीन वहां जायेंगे और मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा उर्दू विद्यालय के लिए दी जा रही जमीन (कब्रिस्तान की जमीन) का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर उसकी मापी करेंगे. उसी दौरान कन्या विद्यालय के लिए भी उपयुक्त जमीन का सर्वे होगा. एक माह के अंदर विद्यालय भवन के लिए राशि स्वीकृत कर दी जाएगी, 25 अक्टूबर जक बच्चों की पाठ्य पुस्तकों का पैसा खाते में भेज दिया जाएगा. इसके बाद ही ‘सड़क पर स्कूल’ का समापन हुआ. इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. मनोज मंजिल और पाटर्भ के प्रखंड सचिव का. नवीन कुमार, आइसा राज्य सचिव का. सबीर कुमार, जिला सचिव रंजन कुमार आदि समेत छात्र-युवा संगठनों के नेताओं ने इसमें महती भूमिका निभाई.