11वें पार्टी महाधिवेशन द्वारा चुनी गयी केन्द्रीय कमेटी की बैठक कोलकाता में 26-27 मार्च 2023 को सम्पन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता कामरेड स्वदेश भट्टाचार्य, धीरेन्द्र झा, चन्द्रमोहन, गीता मंडल और सुचेता डे के पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की. बैठक की शुरूआत 11वें महाधिवेशन के बाद पिछले माह दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. केन्द्रीय कमेटी का विमर्श एवं निर्णय संक्षेप में निम्नलिखित हैं –
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता: राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराना एवं आठ साल तक उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाना विपक्ष एवं भारत के संसदीय लोकतांत्रिक ढांचे पर गम्भीर सर्जिकल स्ट्राइक है. इस हमले के पीछे मुख्य कारण विपक्ष द्वारा अडानी घोटाले और अडानी-मोदी गठजोड़ जिसके कारण अडानी द्वारा विशाल काॅरपोरेट घोटाला करना और भारत के अधिसंरचनात्मक क्षेत्र पर लगभग पूरा नियंत्रण कायम कर पाना संभव हुआ, की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराने की मांग पर विपक्ष का जोर देना था. यह समय शासन के खिलाफ जन आक्रोश को तेज करने और विपक्षी दलों के बीच व्यापक एकता और समन्वय बनाने की सम्भावनाओं के लिए उपयुक्त है. इस दिशा में अपनी भूमिका बढ़ाने की ओर हमें हस सम्भव प्रयास करने चाहिए.
पंजाब के हालात: केन्द्रीय कमेटी ने पंजाब के वर्तमान घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की है जहां अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के नाम में केन्द्र सरकार व्यवस्थित तरीके से राज्य में लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रताओं में कटौती कर रही है. अमृतपाल सिंह का रहस्यमयी उभार और एक लड़ाकू सिख उपदेशक व खालिस्तान की मांग के चैम्पियन में रूपांतरण के पीछे का प्रमुख कारण किसान आन्दोलन को बदनाम करने व पटरी से उतारने और राज्य में राजनीतिक माहौल खराब करने की राजनीतिक साजिश को बताया जा रहा है. ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद के दिनों की अस्थिरता व हिंसा के लम्बे दौर की वापसी का अंदेशा वहां व्यापक रूप में महसूस किया जा रहा है. पंजाब के सामाजिक-आर्थिक हालात में स्थायी कृषि संकट, निरंतर बेरोजगारी और युवाओं के पास अवसरों की कमी प्रमुख पहलू हैं. कांग्रेस और अकालियों के बारी-बारी से बनते रहे वर्चस्व से हट कर नयी राजनीतिक दिशा की लोकप्रिय तलाश की अभिव्यक्ति वहां आम आदमी पार्टी के उभार में दिखी, लेकिन वहां भगवंत मान सरकार से मोहभंग के लक्षण दिखाई देने शुरू हो गये हैं. आरएसएस द्वारा इस परिस्थिति का इस्तेमाल साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को फैलाने और सामाजिक बिखराव बना राज्य में संघ-भाजपा के नेटवर्क का विस्तार की कोशिशों के प्रति हमें सतर्क रहना होगा. हमें दृढ़ता से ग्रामीण मजदूरों के आन्दोलन एवं किसानों की काॅरपोरेट विरोधी दावेदारी से विकसित हुए लोकतांत्रिक एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए पंजाब को एक फासीवाद विरोधी गढ़ में विकसित करने की ओर बढ़ना होगा.
त्रिपुरा चुनाव और उसके बाद: अपने वोटों एवं सीटों में अच्छी-खासी कमी के बावजूद भाजपा वहां सत्ता बनाये रखने में सफल रही. सत्ता में भाजपा की वापसी के पीछे वाम-कांग्रेस गठबंधन और तिपरा मोथा के बीच वोटों का बंटना प्रमुख कारण रहा. हमने केवल एक सीट पर चुनाव लड़ा जहां हमारे वोटों में उत्साहजनक बढ़ोतरी हुई है. चुनाव तो वहां अपेक्षाकृत शांति पूर्ण तरीके से होने दिये गये, लेकिन चुनावों के बाद विपक्ष पर टारगेटेड हमलों का अभियान चलाया जा रहा है. जमीन पर संघर्षशील विपक्ष की भूमिका और पहलकदमियां बनाये रखने के साथ हमें अपना जोर पार्टी संगठन को सुदृढ़ बनाने पर देना चाहिए.
कर्नाटक चुनाव: अपने काम के प्रमुख क्षेत्रों में हमें कुछ सीटों पर चुनाव में उतर कर, अन्य वाम शक्तियों के साथ चुनावी तालमेल की सम्भावनाओं को तलाशते हुए भाजपा को हराने के लिए मजबूत अभियान चलाना चाहिए.
पार्टी स्थापना दिवस: आगामी 22 अप्रैल को हम पार्टी स्थापना की 54वीं वर्षगांठ मनायेंगे. इस दिन हमें गारंटी करनी है कि प्रत्येक पार्टी ब्रांच झण्डारोहण और बैठक करे. इसे पूरा करने की जिम्मेदारी स्पष्टतः सम्बंधित राज्य, जिला एवं एरिया/ब्लाॅक कमेटियों की होगी. प्रत्येक राज्य कमेटी भागीदारी समेत ब्रांच बैठकों की रिपोर्टें मंगाये और उसकी रिपोर्ट संक्षेप में केन्द्रीय कमेटी को भेजे. सभी जिला/ब्लाॅक कमेटी के सदस्यों को स्वयं भी कुछ ब्रांचों की बैठकों में रहना चाहिए. इनमें 11वें पार्टी महाधिवेशन की रिपोर्ट एक छोटी पुस्तिका के रूप में सभी भाषाओं में वितरित करनी चाहिए.
11वां महाधिवेशन के बाद: 11वें महाधिवेशन के सफल समापन ने पार्टी में काफी आशा एवं उत्साह का संचार किया है. अब हमें जरूरत है कि इस ऊर्जा को पार्टी संगठन को मजबूत बनाने, कमेटी सिस्टम के संचालन की गुणवत्ता एवं पार्टी कार्यशैली को बेहतर बनाने और सम्पूर्ण पार्टी के वैचारिक-राजनीतिक स्तर को उच्चतर बनाने की दिशा में लगाया जाय. पार्टी महाधिवेशन के संदेश एवं भावना को प्रत्येक ब्रांच तक ले जाना होगा. पार्टी मुखपत्र में छपी रिपोर्ट एवं समीक्षा का गहन अध्ययन करना चाहिए. दस्तावेज शीघ्र ही पूरे बन जायेंगे, जिनका व्यवस्थित अध्ययन कराना होगा.
बिहार में पार्टी की सहज मजबूती और आज के नाजुक मोड़ पर पार्टी लाइन की जीवंतता पार्टी महाधिवेशन की सफलता की कुंजी बने. हमारे व्यवहार के विभिन्न पहलुओं के द्वंद्वात्मक संयोजन को समूची पार्टी द्वारा आत्मसात करना पार्टी संगठन को मजबूत बनाने और पार्टी की भूमिका को बढ़ाने के लिए जरूरी है –
1. पार्टी की स्वतंत्र दावेदारी और जनसंघर्षों एवं चुनावी हस्तक्षेप दोनों में व्यापकतम संभव एकता का निर्माण
2. ठोस जमीनी काम, साहसी राजनीतिक पहलकदमियां और क्रांतिकारी अखिल भारतीय दृष्टि
3. वर्ग एवं वर्ग संघर्ष की केन्द्रीयता पर दृढ़ रहते हुए विभिन्न सामाजिक पहचानों (आइडेन्टिटीज) एवं प्रासंगिक सामाजिक/सांस्कृतिक कारकों को समायोजित करना
4. समग्र, गहन जनकार्य द्वारा केन्द्रित काम एवं प्रभाव के क्षेत्रों को विकसित करने के साथ-साथ सामाजिक और भौगोलिक पहुंच बढ़ाना
5. आन्दोलन, प्रचार, शिक्षा और संगठन को एक एकीकृत व अंतर्सम्बंधित पैकेज के रूप में जोड़ कर देखना
6. सामूहिक योजना एवं निगरानी के साथ व्यक्तिगत जवाबदेही
7. सांगठनिक विस्तार और वैचारिक-राजनीतिक सुदृढ़ीकरण.
पार्टी पोलित ब्यूरो: केन्द्रीय कमेटी ने 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का चुनाव किया है जिसमें कामरेड स्वदेश भट्टाचार्य, कुणाल, धीरेन्द्र झा, अमर, राजाराम सिंह, मीना तिवारी, शशि यादव, मनोज भक्त, जनार्दन, विनोद सिंह, कार्तिक पाल, अभिजित मजूमदार, वी शंकर, रामजी राय, दीपंकर भट्टाचार्य, संजय शर्मा और रवि राय हैं.
केन्द्रीय सचिवालय: कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य, प्रभात कुमार, संजय शर्मा, रवि राय, राजीव डिमरी, सुचेता डे और पुरुषोत्तम शर्मा को लेकर एक 7 सदस्यीय केन्द्रीय सचिवालय का गठन किया गया है जो उत्तर, पश्चिम एवं मध्य भारत में पार्टी संगठन की देखरेख में केन्द्रीय कमेटी एवं पोलित ब्यूरो की मदद करेगा.
कामरेड प्रभात कुमार गुजरात और महाराष्ट्र के नेतृत्वकारी साथियों की जोनल समन्वय टीम के प्रभारी होंगे, कामरेड संजय शर्मा उत्तराखण्ड व मध्य प्रदेश, कामरेड राजीव डिमरी जम्मू एवं कश्मीर तथा छत्तीसगढ़, कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा, पंजाब व चंडीगढ़ और कामरेड रवि दिल्ली तथा हरियाणा के प्रभारी होंगे. दिल्ली में अपने काम के साथ-साथ, कामरेड सुचेता पश्चिम बंगाल पार्टी संगठन के साथ जुड़ी रहेंगी.
एक केन्द्रीय मुख्यालय टीम भी होगी जिसमें केन्द्रीय सचिवालय सदस्यों के अतिरिक्त कामरेड नीरज, श्वेता राज, राजेन्द्र प्रथोली, रंजन गांगुली, प्रेम सिंह गहलावत, वी अरुण कुमार, सौरभ नरूका, गिरिजा पाठक, सुरेश मंडल, एन साईं बालाजी, आकाश भट्टाचार्य, अमरनाथ तिवारी होंगे जो केन्द्रीय मुख्यालय में कामकाज के विभिन्न आयामों को देखेंगे.
कामरेड स्वदेश भट्टाचार्य आंध्र प्रदेश, कामरेड कुणाल उत्तर प्रदेश और कामरेड जनार्दन ओडिशा के प्रभारी की जिम्मेदारी को जारी रखेंगे. कामरेड एन मूर्ति तेलंगाना के प्रभारी होंगे. कामरेड शंकर तमिलनाडु, कर्नाटक, पुदुच्चेरि और केरल की जोनल कोऑर्डिनेशन टीम के प्रभारी होंगे, जिसमें इस क्षेत्र के केन्द्रीय कमेटी सदस्यों के अतिरिक्त कर्नाटक से कामरेड पीआरएस मणि, केरल से कामरेड जाॅन्सन अम्बाट, और पुदुच्चेरि से जी पालनी होंगे. असम राज्य कमेटी और एचपीसी के साथी राज्य स्तर पर घनिष्ठ सहयोग से काम करेंगे.
जेण्डर जस्टिस एवं सेन्सिटाइजेशन सेल: केन्द्रीय कमेटी हर्ष के साथ एक पांच सदस्यीय सेल के गठन की घोषणा करती है. कामरेड रति राव, अध्यक्ष, ऐपवा, इस सेल की अध्यक्ष होंगी. अन्य सदस्यों में कामरेड जुनू बोरा (गुवाहाटी), कामरेड श्वेता राज, कनिका सिंह और कामरेड राजेन्द्र प्रथोली (दिल्ली) होंगे. राज्य स्तरीय सेलों का गठन भी कम से कम पांच प्रमुख राज्यों (बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु) में आगामी छह महीनों के अंदर कर लेना चाहिए.
पोलित ब्यूरो शीघ्र ही विभिन्न विभागों तथा पार्टी ग्रुपों को अंतिम रूप देगी. महाधिवेशन द्वारा ग्रहीत दस्तावेज अप्रैल अंत तक उपलब्ध हो जायेंगे.