22 फरवरी 2022 को ऑल इंडिया लाॅयर्स एसोसिएशन फाॅर जस्टिस (आइलाज) की एक चार सदस्यीय जांच टीम गया जिला के बेलागंज प्रखंड के आढ़तपुर गांव (कोरमाथू पंचायत) में पहुंची जहां विगत 15 फरवरी को बालू माफिया और जिले के वरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की साठगांठ से हो रहे अवैध बालू खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने बर्बर अत्याचार किया था.
जांच टीम ने पुलिसिया तांडव से पीड़ित ग्रामीण जनता से और महिलाओं से बातचीत कर घटना का विवरण लिया. चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में आइलाज के मनमोहन अधिवक्ता, कृष्णा प्रसाद, कानून के छात्रा कोमल मांझी और स्थानीय माले नेता रवि कुमार मौजूद रहे.
मोरहर नदी के किनारे बसे गांव में ग्रामीणों की आपत्ति को दरकिनार कर खनन विभाग ने बालू माफिया को नदी से बालू निकलने की अनुमति दी है. ग्रामीणों में यह बताया कि यहां पर 2015 से ही हो रहे अवैध बालू खनन के कारण नदी के कटाव से गांव के लोग पीड़ित है. गांव वाले तभी से लगातार खनन विभाग और पुलिस प्रशासन को अपनी आपत्ति दर्ज करायी है किन्तु उनकी जायज आपतियों का निराकरण नहीं किया गया. विगत 15 फरवरी 2022 को बालू माफिया की उपस्थिति में पुलिस ने ग्रामीणों को और यहां तक कि महिलाओं वा नाबालिग लड़कियों, वुजुर्गों व बच्चों को भी बर्वरता से पीटा. सभी पीड़ित ग्रामीणों ने यह भी दिखाया कि पुलिस ने किस तरह से उनके घरों के दरवाजों व खिड़कियों को तोड़-फोड़ दिया और पुरुष पुलिस कर्मियों के द्वारा घरों से महिलाओं को अभद्रता पूर्वक घसीट कर बाहर निकाला गया तथा तालिबानी हरकत करते हुए उनके दोनो हाथों को पीछे बांध दिया गया.
जांच दल ने यह भी पाया कि आढ़तपूर गांव के किसानों की रैयती जमीन भी नदी के कटाव में बह गयी है और बालू माफिया उसमें से भी बालू निकालते रहते हैं. यह भी गौरतलब है कि आढ़तपूर गांव के पास जहां पर खनन विभाग ने बालू घाट की बंदोबस्ती की है उससे दो किलो मीटर के दायरे में स्थित चिरमिची बीघा में नदी पर डैम है और वहां से सिंचाई की नहर निकलती है.
जांच दल ने कहा कि खनन विभाग द्वारा ग्रामीणों की आपत्तियो को दरकिनार कर बालू माफिया को बालू निकालने की अनुमति दी गई है जिससे पूरे गांव को अस्तित्व पर खतरा है. आढ़तपुर गांव के ग्रामीणों की मांग बिल्कुल जायज व न्यायसंगत है.
जांच दल ने महिलाओं के साथ अभद्रता से पेश आने वाले और 13 साल की एक बच्ची को जेल भेजने वाले सभी पुलिस कर्मियों समेत गया के पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, मेन थाना के प्रभारी व पाइबीघा ओपी प्रभारी को अविलंब वर्खास्त करने व दोबारा गलत तरीके से बालू घाट को लीज पर देने के दोषी खनन विभाग के पदाधिकारी पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही, सभी ग्रामीण पुरुषों व महिलाओं को विना शर्त रिहा करने की भी मांग की गई है. पुलिस की इस गैर कानूनी कार्यवाही की सूचना राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व राष्ट्रीय महिला आयोग को देते हुए उनसे भी कार्रवाई करने की मांग की जायेगी. इससे पहले 21 फरवरी को कामरेड क्लिफ्टन भोजपुर के पसौर में 1998 में रचाये गए बर्बर पुलिस अत्याचार की 24वीं बरसी पर आयोजित सभा को संबोधित किया.