ईडी के तीखे विरोध को दरकिनार करके उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दिया जाना स्वागत योग्य है.
विपक्षी पार्टियों और उनके चुनाव अभियान को निशाना बनाने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल करने सहित भाजपा ने सभी धूर्ततापूर्ण चालें चली. बिहार में भाकपा (माले) के अगियाँव विधायक मनोज मंज़िल और 22 अन्य कॉमरेडों को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फर्जी आरोपों में सजा करवा कर जेल भेज दिया गया है और मनोज मंज़िल को तो न केवल जेल भेजा गया बल्कि उनकी विधायकी भी छीन ली गयी.
उच्चतम न्यायालय का आदेश इस बात की तस्दीक करता है कि यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी और इंडिया गठबंधन के चुनावी अभियान को प्रभावित करने के हिसाब से इसका समय निर्धारित किया गया. हम यह भी मांग करते हैं कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी तत्काल रिहा किया जाए.
भाकपा (माले) जनता का आह्वान करती है कि देश के संविधान और लोगों के जीवन पर हमला करने के लिए इन चुनावों में मोदी हुकूमत को सबक सिखाएं.