16 अगस्त 2019 से झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ (संबद्ध सीटू) ने झाारखंड विधान सभा के समक्ष धरना आंदोलन शुरू किया जो आज तक जारी है. विगत वर्ष राज्य सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने तथा मानदेय में वृद्धि करने की मांग पर ये आन्दोलन शुरू हुआ है. भाजपाई रघुवर सरकार ने उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक नोटिस तो नहीं ही लिया, बल्कि 24 सितंबर को आयोजित उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर दूसरी बार बर्बर लाठीचार्ज किया गया. 11 सितंबर 2019 को रांची में प्रधान मंत्री द्वारा नये विधान सभा परिसर उद्घाटन के कार्यक्रम के दौरान भी उनपर लाठीचार्ज हुआ था और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.
झारखंड राज्य की करीब 88,000 आंगनबाड़ी कर्मियों ने आज 41वें दिन भी अपनी मांगों के लिए बुलंदी के साथ आंदोलन जारी रखा है. इस लाठीचार्ज के अगले ही दिन 25 सितंबर को उन्होंने इसके खिलाफ बड़ा प्रतिवाद प्रदर्शन आयोजित किया. उनके आंदोलन के समर्थन और पुलिस दमन के विरोध में एक्टू ने भी रांची, रामगढ़ और गिरीडीह में 25 सितंबर को प्रतिवाद मार्च और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया.
रामगढ़ में दिनांक 25 सितंबर को आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठी चार्ज के विरोध में ऐपवा की जिला सचिव नीता बेदिया, अध्यक्ष कांति देवी, झूमा घोषाल एवं एक्टू के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण बेदिया, देवानंद गोप एवं भाकपा(माले) नेता भुनेश्वर बेदिया, देवकीनंदन बेदिया और इनौस के अमल कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिवाद मार्च निकाला गया.