7 दिसंबर 2019 को ऐपवा का वलसाड जिला सम्मेलन संपन्न हुआ. यह गुजरात में ऐपवा का पहला सम्मेलन था. सम्मेलन की शुरूआत करते हुए गुजरात के ग्रामीण व औद्योगिक क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं ने वलसाड की सड़कों पर झंडे-बैनरों के साथ एक विशाल व प्रभावशाली रैली निकाली.
जोरदार नारे लगाते और मुख्य सड़कों को परिक्रमा करतेयह रैली ज्योति आॅडिटोरियम पहुंची. भरे-पूरे हाल में आदिवासी महिला नेता का. बनिताबेन रोहितभाई बाघात, जयबन्तिबेन, सुमित्रा बेन, व प्रमिला बेन की अध्यक्षता में सम्मेलन शुरू हुआ.
भाकपा(माले) पोलितब्यूरो के सदस्य का. प्रभात कुमार, गुजरात प्रभारी का. रंजन गांगुली, महाराष्ट्र के सचिव का. श्यामजी गोहिल तथा का. अमित पाटनवाडिया, का. लक्ष्मण वाडिया, का. कमलेश गुरव, का. आनंदभाई बारात आदि माले नेता भी वहां अतिथि के रूप में मौजूद थे.
तालुका धर्मपुर की महिला नेता सुमित्रा बेन ने महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ सच्चे न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ने और कारखाना मजदूर कंचनबेन बाबरभाई ने संगठन को मजबूत बनाने व विस्तार करने का आह्वान किया.
रैली व सम्मेलन में मुख्य अतिथि के बतौर उपस्थित ऐपवा की राष्ट्रीय नेता का. सुधा चौधरी ने देश की स्थिति व महिलाओं की सामने चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की और मोदीराज के खिलाफ देशव्यापी लोकतांत्रिक संघर्ष की एक मजबूत घटक के रूप में महिलाओं को खड़ा करने हेतु आगामी 8-9 फरवरी 2019 को उदयपुर में आयोजित हो रहे ऐपवा के 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने का आह्वान किया.
सम्मेलन के अंत में 13 सदस्यों की जिला कमेटी निर्वाचित हुई जिसका सचिव आदिवासी महिला नेता का. बनिता बेन रोहितभाई बाघात को बनाया गया. फासिज्म की प्रयोगशाला कहे जानेवाले गुजरात में ऐपवा का निर्माण व विस्तार नए मायने रखता है.