अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में ‘इन्द्रपुरी जलाशय निर्माण किसान संघर्ष यात्रा’ 20 जनवरी 2010 को भोजपुर के सहार से शुरू हुई थी. पहले दो दिनों में यह यात्रा भोजपुर और बक्सर होते हुए रोहतास पहुंची थी.
तीसरे दिन 22 जनवरी को रोहतास के मोथा, बुरारी, चकला बाजार, कछवा बाजार, मंगरा में यात्रा के दौरान सभाएं की गईं जिसको यात्रा में शामिल किसान नेताओं के अलावे जिले के अनेक किसान नेताओं ने संबोधित किया और वे यात्रा में शामिल हुए. रोहतास से निकल कर यह यात्रा नासरीगंज होते हुए औरंगाबाद जिला में प्रवेश कर गई. वहां ओबरा और दाउदनगर सहित कई जगहों पर सभाएं की गईं. 23 जनवरी को औरंगाबाद के पचरुखिया में सभा की गई. औरंगाबाद में यात्रा में शामिल नेताओं के अलावे जनार्दन सिंह, भाकपा(माले) के जिला सचिव मुनारिक राम, किसान महासभा के जिला सचिव कामता यादव, वामदेव सिंह आदि नेता भी साथ थे. फिर यह यात्रा गया पहुंची. गया जिला के बर्मा बाजार, कोच, ददरे जी, टिकारी, गुलरिया चक से होते हुए यात्रा अरवल जिले में प्रवेश आ गई. गुलरिया चक और टेकारी में सभा की गई. गया जिला में किसान महासभा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य उपेंद्र यादव, सुरेंद्र यादव, रोहन यादव, महेशी मांझी, बालेश्वर प्रसाद यादव आदि किसान नेता यात्रा में शामिल हुए.
अरवल में अनेक जगहों पर प्रचार व पर्चा वितरण किया गया. मलिकपुर, उसरी, बगदाद, अरवल और प्रसादी इंग्लिश में सभाएं की गईं. यहां देव मंदिर सिंह, राम दिनेश यादव, राम कुमार सिन्हा आदि कई स्थानीय किसान नेता यात्रा में शामिल रहे.
24 जनवरी को पटना जिला के किसानों ने मोटरसाइकिलों में बड़े-बड़े झंडे बांधकर यात्रा में शामिल नेताओं का स्वागत किया. महाबलीपुर, पालीगंज, दुल्हिन बाजार, सिंघाड़ा, पिपलावां, कंचनपुर और नौबतपुर में सभाएं की गईं. यहां यात्रा में शामिल नेताओं के अलावे इंसाफ मंच के नेता अनवर हुसैन, माले नेता सुधीर कुमार, श्याम नंदन शर्मा, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के सम्मानित अध्यक्ष व पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, किसान महासभा के जिला अध्यक्ष मंगल यादव आदि नेताओं ने इन सभाओं में भाषण दिया. पालीगंज आते-आते मोटरसाइकिल की संख्या 60 हो गई, आधा किलोमीटर तक संघर्ष यात्रियों का काफिला ही दिख रहा था.
सिंघाड़ा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यात्रा में किसान नेताओं का आगे बढ़ कर स्वागत किया. नौबतपुर लाॅक पर सभा के बाद किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह ने यात्रा को समाप्त करते हुए यात्रा में शामिल नेताओं व सहयोग करने वाले तमाम लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने यात्रा में मिले समर्थन व सहयोग को समेटते हुए इंद्रपुरी जलाशय के निर्माण की लड़ाई को तेज करने का आह्वान किया. यात्रा के बाद संघर्ष की अगली कड़ी में 5 मार्च 2020 को अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से बिहार विधान सभा के समक्ष महाधरना में अधिक से अधिक किसानों को शामिल करने का आह्वान किया गया.
– राजेंद्र पटेल