कदवन डैम (इन्द्रपुरी जलाशय) का शीघ्र निर्माण करने, सोन नहर का आधुनिकीकरण कर निचले हिस्से तक पानी पहुंचाने, बाढ़-सुखाड़ का स्थाई समाधान करने, 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 5,000 रु. प्रति माह वृद्धावस्था पेंशन देने, उड़ीसा और तेलंगाना की तर्ज पर खेती करने के लिए प्रति एकड़ 20,000 रु. अग्रिम इनपुट सब्सिडी देने, बिहार को अकाल क्षेत्र घोषित करने व सभी बाढ़-सुखाड़ पीड़ितों को घोषित सहायता राशि मुहैया करने आदि मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने 14 नवंबर 2019 को सोन कमाण्ड क्षेत्र के आठ जिलों समेत राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर धरना व प्रदर्शन आयोजित किया. इससे पहले सोन कमाण्ड क्षेत्र के जिलों के करीब 420 गांवों में किसानों की बैठक/सभा व दर्जनों प्रखण्डों में किसानों का कन्वेंशन आयोजित किया गया.
औरंगाबाद में आयोजित धरना को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि किसान कर्ज के बोझ और फसलों का ड्योढ़ा दाम नहीं मिलने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हैं. मौजूदा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण बिहार के किसान बाढ़ व सुखाड़ से भी तबाह हैं. सोन कमाण्ड क्षेत्र के जिलों में पानी के अभाव में सूखा पड़ गया. आज अगर इन्द्रपुरी जलाशय होता तो सूखे की मार नहीं झेलनी पड़ती. ग्लोबल टेंडर के जरिए कदवन डैम व इन्द्रपुरी जलाशय का निर्माण तेजी से किया जा सकता है और सोन नहरों में निचले छोर तक सालों भर पानी मुहैया किया जा सकता है. अगर इन्द्रपुरी जलाशय बनाने का कार्य शुरू नहीं हुआ तो मोदी और नीतीश सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन तेज किया जाएगा.
धरने के बाद सात सूत्री मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया. धरना को का. जनार्दन प्रसाद, कामता यादव, मुनारिक राम, सत्येन्द्र सिंह, चन्द्रमा पासवान, अजय मेहता, रामप्रवेश मेहता, द्वारिका पासवान आदि नेताओं ने भी संबोधित किया.
अरवल में आयोजित धरना को अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवसागर शर्मा, जिले के किसान नेता का. राजेश्वरी यादव, त्यागी जी, सिद्धनाथ यादव, सूर्यनाथ सिंह, रामजी यादव, बृज बिहारी सिंह, भाकपा(माले) राज्य कमेटी के सदस्य का. रविन्द्र यादव और जितेन्द्र यादव आदि नेताओं ने सम्बोधित किया और कदवन डैम का शीघ्र निर्माण करने समेत अन्य मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया.
सासाराम (रोहतास) में किसान नेता का. जवाहरलाल सिंह की अध्यक्षता में किसानों ने धरना और सभा आयोजित किया. सभा को किसान नेता व पूर्व विधायक का. अरुण सिंह, का. कामता यादव, अखिलेश पाण्डेय, सुराजी तिवारी, डा. नागेन्द्र सिंह, अक्षय पासवान, धनकी राम आदि नेताओं नेे संबोधित किया और कदवन डैम का निर्माण करने, सोन नहर का आधुनिकीकरण करने तथा संपूर्ण बिहार को अकाल क्षेत्र घोषित कर राहत चलाने की मांग की.
बक्सर में किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष अलख नारायण चौधरी की अध्यक्षता व राज्य परिषद सदस्य का. बीरेंद्र यादव और रामदेव सिंह के संचालन में धरना दिया गया और जिलाधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. सभा को किसान नेता का. दारोगा राम, का. रामध्यान सिंह, का. हरेंद्र राम, का. जगनारायण शर्मा, राजवली सिंह आदि नेताओं ने सम्बोधित किया.
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक का. वबन सिंह की अध्यक्षता में भभुआ (कैमूर) में भी धरना आयोजित कर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया. धरना को भाकपा(माले) के जिला सचिव का. विजय यादव, मोरध्वज सिंह कुशवाहा, सियाराम राम, लुटवन प्रसाद, त्रिभुवन राम आदि नेताओं ने संबोधित किया.
राजधानी पटना में अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन आयोजित किया गया. अपने हाथों में झण्डा और तख्ती लिए और जोरदार नारे लगाते सैकड़ों किसानों का यह प्रदर्शन जब गांधी मैदान के दक्षिणी गेट से निकल कर जिलाधिकारी कार्यालय की ओर चला तो प्रशासन ने इसे रोक दिया. जिलाधिकारी के प्रतिनिधि ने वहीं आकर किसानों से उनकी मागों का ज्ञापन लिया. प्रर्दशन का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के नेताओं – उमेश सिंह, कृपा नारायण सिंह, राजेन्द्र पटेल, राजेश प्रसाद, मंगल प्रसाद यादव, मधेश्वर शर्मा, श्री भगवान सिंह, निरंजन वर्मा, मुन्ना प्रसाद आदि ने किया. जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगों का ज्ञापन भी दिया गया.
जहानाबाद में आयोजित धरना व सभा को अखिल भारतीय किसान महासभा के सचिव का. रामाधार सिंह, जिला अध्यक्ष का. जगदीश पासवान, का. शौकीन यादव, दिलीप पटेल व ब्रह्मदेव प्रसाद आदि नेताओं ने संबोधित किया. हाजीपुर (वैशाली) में जिलाधिकारी के समक्ष आयोजित धरना व प्रर्दशन का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष का. विशेश्वर प्रसाद यादव, जिला अध्यक्ष सुमन कुमार, सचिव अरविंद कुमार चौधरी, आशा देवी, प्रिया देवी, रामनाथ यादव, उमेश राय आदि ने किया. जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर राजकीय नलकूपों व नहर सिंचाई संसाधनों को शीघ्र चालू करने, किसानों को सुखाड़ और अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति का मुआवजा देने, अनुदानित बीज के लिए आॅनलाइन आवेदन की प्रक्रिया खत्म कर आधार कार्ड के आधार पर ही जरूरतमंद किसानों को अनुदान देने की मांग की गई. बिहार के अन्य जिलों में भी विभिन्न कार्यक्रम हुए.
इन्द्रपुरी जलाशय का शीघ्र निर्माण करने व किसानों की ज्वलंत मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से सोन कमाण्ड क्षेत्र के जिलों में 20 से 25 जनवरी, 2020 के बीच ‘इन्द्रपुरी जलाशय निर्माण संघर्ष यात्रा’ निकाली जाएगी और 25 फरवरी 2020 को बिहार विधानसभा, पटना के समक्ष सम्पूर्ण बिहार के किसानों का विशाल प्रदर्शन होगा.
– राजेन्द्र पटेल