वर्ष - 28
अंक - 47
09-11-2019

भाकपा(माले) के वरिष्ठ साथी और बिन्दुखत्ता भूमि संघर्ष के नेतृत्वकारी साथियो में शामिल कामरेड प्रेम राम टम्टा का विगत 2 नवंबर को निधन हो गया. उनहोंने भूमि दखल आंदोलन के दौरान ही पार्टी की सदस्यता ली और आजीवन सदस्य बने रहे.  बिन्दुखत्ता की लड़ाई के हर मोड़ और आंदोलन के सक्रिय साथी कामरेड टम्टा ने राशन कार्ड आंदोलन, सेंचुरी पल्प एन्ड पेपर मिल के खिलाफ चले आंदोलन, दूध आंदोलन, खत्ता वासी-वनवासियों के अधिकार आंदोलन, संजना बलात्कार-हत्याकांड के खिलाफ चले आंदोलन अज्ञेर नगरपालिका विरोधी आंदोलन से लेकर पिछले ही दिनों चले काॅरिडोर हटाओ-बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाओ आंदोलन तक में सक्रिय भागीदारी निभायी. पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ रहने के बावजूद वे आंदोलनों व बैठकों में जरूर पहुंच जाते.

3 नवंबर को उनके घर से ‘कामरेड प्रेम राम टम्टा को इंकलाबी लाल सलाम’, ‘कामरेड प्रेम राम टम्टा अमर रहें’ के नारों के साथ उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई जिसमें उनके परिजनों के साथ ही भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. राजा बहुगुणा, का. बहादुर सिंह जंगी, का. भुवन जोशी, का. विमला रौथाण, का. वसंती बिष्ट, का. बिशन दत्त जोशी, का. स्वरूप सिंह दानू, डा. कैलाश पाण्डेय, का. गोविंद सिंह जीना, का. ललित मटियाली, का. कमलापति जोशी, का. रमेश भट्ट, का. चंदन राम, का. विनोद कुमार, का. गोपाल गड़िया, का. कमल जोशी, का. ललित जोशी समेत बड़ी संख्या में पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.