वर्ष - 28
अंक - 49
23-11-2019

औरंगाबाद के ओबरा, दाउदनगर और हसपुरा प्रखण्ड के 30 से अधिक गांवों में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव का. राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. शिवसागर शर्मा व जिला नेता का. जनार्दन प्रसाद के नेतृत्व में बैठक व सभा की गई. तरार में करीब 800 और खुदवा में 500 लोगों ने सभा में भागीदारी की.

अरवल के करपी, कलेर और अरवल प्रखण्डों के 19 गांवों में का. शिवसागर शर्मा, का. राजेश्वरी यादव, का. रविन्द्र यादव, का. उपेन्द्र पासवान और रामकुमार सिन्हा के नेतृत्व में गांव बैठक व सभा की गई. खमैनी में 400 और कोरियम में 300 किसानों ने गांव बैठक में भागीदारी की. इन गावों में ग्राम कमेटियां भी बनाई गई हैं.

भोजपुर जिले के पीरो, संदेश, जगदीशपुर, अगियांव, तरारी, सहार आदि प्रखण्डों में कुल 39 गांवों में बैठक व सभा की गई, विधायक सुदामा प्रसाद, पूर्व विधायक चन्द्रदीप सिंह, विमल यादव, विनोद कुमार कुशवाह, धर्मेन्द्र सिंह आदि किसान नेताओं ने इसकी अगुआई की. तरारी, संदेश, आरा में किसानों के कन्वेंशन आयोजित किये गये.

रोहतास जिला के काराकाट, विक्रमगंज, दावथ, नासरीगंज, राजपुर, अकौढ़ी गोला, चेनारी प्रखण्डों के 35 गांवों में बैठक व सभा की गई, जिसकी अगुआई किसान नेता व पूर्व विधायक अरुण सिंह, मिथिलेश तिवारी, अनुग्रह नारायण सिंह, अशोक राम, कामता यादव, जवाहर लाल सिंह, कामख्या यादव, धनजी राम, मुखिया, आदि नेताओं ने किया.

अ. भा. किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष का. अलख नारायण चौधरी व किसान नेता वीरेंद्र यादव तथा रामदेव आदि ने बक्सर के नवानगर, केसठ, ब्रह्मपुर, चौगाईं, डुमरांव, इटाढ़ी और राजपुर प्रखण्डों में कुल 33 गांवों में बैठक व सभा आयोजित कर गांव कमेटियां बनाईं. जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसान कन्वेंशन भी आयोजित किये गये हैं तथा दर्जनों गांवों में मांगों को लेकर दिवाल लेखन किया गया है.

 कैमूर जिले के चैनपुर और भगवानपुर प्रखण्डों में कुल 29 गांवों में बैठक व ग्रामीण सभा की गई, जिसका नेतृत्व वबन सिंह और किसान नेता लुटमन बिन्द ने किया. सभी गांवों में ग्राम कमेटियां बनाई गई हैं.

पटना जिले के पालीगंज, दुल्हिन बाजार, विक्रम, नौबतपुर, मसौढ़ी, और बिहटा प्रखण्ड में कुल 49 गांवों में बैठक व सभा की गई. बैठकों का नेतृत्व किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, पटना जिला सचिव कृपा नारायण सिंह, मंगल प्रसाद यादव, श्री भगवान सिंह, आदि नेताओं ने किया. विभिन्न प्रखंडों में किसानों के सम्मेलन भी आयोजित किए गए. बैठकों में संगठन के दायरे से बाहर के किसानों की भी अच्छी भागीदारी थी.