प. चंपारण जिले के साथी का. महंथ यादव (उम्र- 80 वर्ष) का 29 अक्टूबर 2019 को निधन हो गया. वे चनपटिया प्रखंड में पार्टी के संस्थापक नेताओं में थे. 70 के दशक में वे पीसीसी ग्रुप के साथ थे और 80 के दशक में पार्टी से जुड़े. तब चनपटिया चीनी मिल चालू थी. गन्ना किसानों की कोआपरेटिव सोसाइटी बनी थी जिसके माध्यम से चीनी मिल में गन्ने की आपूर्ति और भुगतान होता था. सोसाइटी पर दबंग जमींदारों व सुदखोरों का कब्जा था और किसान उनके चंगुल में छटपटा रहे थे. का. महंथ यादव ने शोषण से तबाह किसानों की मुक्ति का संघर्ष छेड़ा और उसमें सफल हुए. चीनी मिल को सीधे किसानों का गन्ना लेने और भुगतान करने का नियम लागू करना पड़ा. वे महछी-भरवलिया के शाही परिवार के सामंती उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष में भी अग्रिम मोर्चे पर रहे। उन्होंने चनपटिया बाजार के पोलदारों, मजदूरों और चूड़ा मिल मजदूरों की यूनियन बनाने में मजदूरों को काफी सहयोग किया. पार्टी के चनपटिया प्रखंड कार्यालय के निर्माण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.
90 के दशक में जब चनपटिया बाजार में सांप्रदायिक तनाव का दौर शुरू हुआ तो का. महंथ यादव सांप्रदायिक सद्भाव व शांति के दूत बनकर सामने आये. गरीबों पर हुये किसी भी जुल्म के खिलाफ वे तन कर खडा हो जाते थे. इस क्रम में टिकुलिया में गरीबों की बेदखली के खिलाफ हुई लड़ाई में पुलिस द्वारा उनके घर की कुर्की-जब्ती भी की गई थी.