किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर विगत 23 अक्टूबर 2019 को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले झारखंड के किसानों ने रांची में राज भवन तक मार्च किया और धरना दिया. 12 बजे दिन से साढ़े तीन बजे तक चले इस कार्यक्रम में राज्यपाल को किसानों की समस्या से सम्बंधित एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
ज्ञापन में किसानों और ग्रामीण गरीबों को गैर मजरुवा, हदबंदी से पफाजिल, सरकारी परती और भूदान की जमीन पर मालिकाना हक़ देने, बटाईदार किसानों को किसान का दर्जा देने, वनाधिकार कानून लागू करने और वन कानून 1927 में प्रस्तावित संशोधन को वापस लेने, कृषि कार्य को मनरेगा योजना से जोड़कर वर्ष में 200 दिन के काम की गारंटी देने, वर्ष 2017-18-19 के फसल बीमा का भुगतान कराने, विस्थापितों को मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास की व्यवस्था करने, लघु व मध्यम सिंचाई योजनाओं के जरिये सिंचाई की व्यापक व्यवस्था कराने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर कृषि उपज का लागत से डेढ़ गुना दाम देने और किसानों व ग्रामीण गरीबों की सम्पूर्ण कर्ज माफी की मांगें शामिल थी.
कार्यक्रम की अगुवाई अखिल भारतीय किसान महासभा के पूरन महतो, हीरा गोप, अखिल भारतीय किसान सभा और सीपीआई नेता पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता, महेन्द्र पाठक, झारखंड किसान सभा के नेता सुरजीत सिन्हा, सुफल महतो और किसान संग्राम समिति के नेताओं के की. धरना में ढाई सौ से अधिक लोग शामिल हुए.