गत 20 अक्टूबर 2919 को तमिलनाडु में भाकपा(माले) ने एक राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन की कार्यवाही का संचालन का. असैतम्बी, का. इरनियप्पन, का. बालसुब्रह्मण्यन और का. चन्द्रमोहन के चार सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने किया.
कन्वेंशन की शुरूआत में राजनीतिक एवं संगठनात्मक मार्गदर्शक नोट की प्रस्तुति तथा भाकपा(माले) तमिलनाडु राज्य कमेटी के सचिव का. एनके नटराजन के आधार वक्तव्य से हुई. इसके बाद कन्वेंशन को भाकपा(माले) की पोलितब्यूरो सदस्य और तमिलनाडु प्रभारी कामरेड कविता कृष्णन ने सम्बोधित किया. उन्होंने साम्प्रदायिक-कारपोरेट फासिस्टों एवं भाजपा के खिलाफ राज्य की जनता द्वारा प्रेरणादायक प्रतिरोध खड़ा किये जाने के लिये उनको बधाई दी. उन्होंने ब्राह्मणवादी पितृसत्ता, दलितों एवं अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ों के खिलाफ होने वाले जाति-आधारित अपराधों जैसी प्रवृत्तियों और निरंकुश सरकारों के खिलाफ लड़ाई चलाने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जो तमिलनाडु में आरएसएस-भाजपा को पांव पसारने का मौका प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार पुलिस राज जैसा आचरण कर रही है और वह भाजपा के लिये एक फ्रंट का काम कर रही है.
कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए समूचे तमिलनाडु से आये पार्टी नेताओं ने तथा युवा एवं महिला नेताओं ने पार्टी के कामकाज पर बहस करते हुए पूर्व पार्टी महासचिव कामरेड विनोद मिश्र की बरसी पर 18 दिसम्बर को तमिलनाडु विधानसभा के समक्ष जनाधिकार मार्च आयोजित करने हेतु गोलबंदी की योजना बनाई. कार्यकर्ताओं ने एक क्रांतिकारी कम्युनिस्ट पार्टी के रूप में भाकपा(माले) को शक्तिशाली करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि मजदूरों और किसानों के आंदोलनों को तथा फासीवाद-विरोधी प्रतिरोध संघर्ष को शक्तिशाली बनाया जा सके.
कन्वेंशन में स्कूली छात्रा मदिवदिनी ने उत्साहवर्धक और जोशीले क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किये. कन्वेंशन को भाकपा(माले) के पोलितब्यूरो सदस्य कामरेड शंकर, केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. बालसुन्दरम और पुदुच्चेरी के पार्टी राज्य सचिव का. बालसुह्मण्यन ने भी सम्बोधित किया. कन्वेंशन की समाप्ति जोशीले नारों से और जनाधिकार मार्च को सफलता दिलाने के लिये प्रयास तेज करने के आह्वान के साथ हुई.
गत 18 अक्टूबर 2019 को तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित मदरसन कम्पनी के मजदूरों की हड़ताल का 54वां दिन था. इस दिन मजदूरों ने समूचे दिन भूख-हड़ताल की. मदरसन आॅटोमोटिव टेक्नाॅलाजी एंड इंजीनियरिंग (एमएटीई)-3 कम्पनी के पोंडूर प्लांट के मजदूरों ने यह हड़ताल 26 अगस्त 2019 से शुरू कर रखी है. उनकी मांग है कि उनकी यूनियन को मान्यता दी जाये और मजदूरी तथा कारखाने की कार्य-स्थितियों में सुधार सम्बंधी मांगों पर वार्ता की जाये. उन्होंने यूनियन में भाग लेने के लिये मजदूरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की है.
जब से इस कारखाने में मजदूरों ने यूनियन बनाई है, प्रबंधन मजदूरों को एक के बाद एक सजायें दे रहा है. पहले उसने यहां तक दबाव डाला था कि मजदूर एक बांड पर दस्तखत करें कि वे अपने यूनियन बनाने के अधिकार का परित्याग कर रहे हैं. इसके खिलाफ दो दिनों तक धरना-प्रतिवाद चलने के बाद प्रबंधन को पीछे हटना पड़ा था और उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया. मगर मजदूरों का दूसरे विभाग में स्थानांतरण करने, कारण बताओ नोटिस जारी करने समेत विभिन्न तरकीबें अपनाकर दंडात्मक कार्रवाई जारी है. इसके ही फलस्वरूप मौजूदा हड़ताल शुरू हुई है.
18 अक्टूबर को भूख हड़ताल करने के माध्यम से मजदूरों ने तमिलनाडु सरकार से मांग की है कि वे मदरसन कम्पनी के प्रबंधन को उनकी मजदूर-विरोधी अवैध कार्यवाहियों के लिये सजा दें और वार्ता करके मजदूरी पर समझौता की गारंटी करें.
इस संघर्ष का नेतृत्व चेंगई अन्ना मावट्टा जननायक तोलिलार संघम (चेंगई-अन्ना जिला डेमोक्रेटिक लेबर यूनियन) कर रहा है जो एआईसीसीटीयू से सम्बद्ध है. यूनियन की ओर से कामरेड इरनियप्पन ने प्रतिवादकारी मजदूरों को सम्बोधित किया.