संवैधानिक व लोकतांत्रिक अधिकारों के जबर्दस्त हनन, पुलिस हिरासत में मौत, माॅब लिंचिंग की लगातार बढ़ती घटनाओं तथा उसका शिकार हुए तबरेज अंसारी के हत्यारों को कानूनन बरी कर देना, कुख्यात मोटर यान अधिनियम 2019 के द्वारा पैदा किए जा रहे ट्रैफिक आतंक, भारी मंदी से प्रभावित सैकड़ों कल-कारखानों की बंदी और हजारों लाखों लोगोें की बेरोजगारी आदि मुद्दों पर वाम दलों द्वारा 14 सितंबर 2019 को रांची में राजभवन पर धरना कार्यक्रम किया गया.
भाकपा(माले), माकपा, भाकपा, मासस और फारवर्ड ब्लाॅक आदि वाम दलों के धरना को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) राज्य सचिव का. जनार्दन प्रसाद ने कहा कि मोदी राज-2 और रघुवर राज में झारखंड माॅब लिंचिंग का माॅडल बनता जा रहा है. यह लिंचिंग अब बच्चा चोर की चैतरपफा अफवाह पूरे समाज मे जिस रूप में फैल रही है, उससे जबरदस्त सामाजिक आतंक पैदा हो जा रहा है, जो चिंतनीय है.
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य सुखाड़ के चपेट में है, 20-25 फीसदी भी धान की रोपनी नहीं हो सकी. भयंकर मंदी की वजह से टाटा, रांची, बोकारो आदि औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 1200 से ज्यादा छोटे-बड़े कल कारखाने बन्द हो गए हैं. हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. इन समस्याओं का निराकरण करने, बंद कल-कारखानों को चालू करने और बेरोजगारी दूर करने की कोई सरकारी पहल नही दिख रही है. उन्होंने कहा कि गरीबी, भुखमरी और आर्थिक तंगी की हालात को देखते हुए झारखंड को अविलंब सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर तत्काल राहत कार्य शुरू कर देना चाहिए. लेकिन सरकार की निगाह तो केवल चुनाव पर है. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को तीन महीने के लिए रोक दी गई, जिसका मतलब है कि विधानसभा चुनाव के बाद पुनः वही मनमानी और पुलिसिया आतंक शुरू होगा. ऐसी स्थिति में अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए.
भाकपा नेता महेंद्र पाठक के संचालन में आयोजित धरना को माकपा राज्य सचिव गोपीकान्त बक्शी, भाकपा नेता भुवनेश्वर मेहता, मासस नेता मिथिलेश सिंह, फारवर्ड ब्लाक के रामेश्वर कुशवाहा तथा का भुवनेश्वर केवट, अजबलाल सिंह, देवकीनंदन बेदिया, जगरनाथ उरांव प्रकाश विप्लव, सुखनाथ लोहरा आदि ने संबोधित किया. सैकड़ों कार्यकर्ता व समर्थक धरना में शामिल थे. धरना के उपरांत राज्यपाल महोदया को 19 सूत्री मांगपत्र सौंप कर राज्य में जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन पर रोक लगाने, राजनीतिक दलों और जनसंगठनों की सभाओं, जुलूसों व प्रदर्शनों पर लगी रोक को अबिलम्ब हटाने, बंद कारखानों को चालू करने, मंदी का निराकरण करने, माॅब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी की मौत की संपूर्ण न्यायिक जांच की गारंटी करने की मांग की गई.
मोटरयान अधिनियम 2019 को फौरन वापस लेने, पुलिस हिरासत में हुई मौतों तथा पुलिस द्वारा 3 वर्षीय बच्ची को पटक कर मार देने की घटनाओं की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच कराने, एचईसी की जमीन पर विधानसभा भवन, हाईकोर्ट आदि सरकारी संस्थान बनाने से विस्थापित रैयतों की नौकरी की गारंटी करने, पत्थलगढ़ी आंदोलनकारी सैकड़ों नेताओं- कार्यकर्ताओं और हजारों मुंडा आदिवासियों पर कथित देशद्रोह के नाम पर दर्ज झूठे मुकदमे को वापस लेने तथा 5वीं अनुसूची, सीएनटी, एसपीटी ऐक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग भी की गई.
– सुखदेव प्रसाद