पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) वर्कर्स यूनियन तथा ऐक्टू की उत्तर प्रदेश इकाई के तत्वावधान में 15 सितंबर 2019 को लखनऊ के गंगा प्रसाद मेमोरियल हाॅल (अमीनाबाद) में जन कन्वेंशन का आयोजन किया गया. कन्वेंशन के मुख्य वक्ता रेल मजदूर नेता व ‘फ्रंट अगेंस्ट न्यू पेंशन स्कीम इन रेलवे’ (एफएएनपीएसआर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. अमरीक सिंह ने कहा कि रेलवे, रक्षा, बैंक, बीमा, तेल सहित सार्वजनिक क्षेत्र के तमाम उपक्रमों को मोदी सरकार कारपोरेट घरानों के हवाले करना चाहती है. निगमीकरण उसका पहला चरण है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण देशद्रोह है, क्योंकि इसमें आम जनता के खून-पसीने की कमाई लगी है. सार्वजनिक क्षेत्र किसानों-मजदूरों के बच्चों को सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराते हैं. एक समय अकेले रेलवे 21 लाख लोगों को रोजगार देता था, किन्तु आज रेलवे में बमुश्किल 11 लाख ही कर्मचारी रह गये हैं. इस दौरान रेलयात्रियों, रेल गाड़ियों व मालगाड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है और रेल पटरियों का विस्तार हुआ है. रेल मजदूरों से डेढ़ गुना अधिक काम लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्थापित मजदूर संगठनों ने आंदोलन को कुछ मांगों तक ही सीमित कर दिया था, इसलिए हम उदारीकरण के हमलों को नहीं रोक सके. उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार मजदूर वर्ग सहित समाज के सभी हिस्सों में विभाजन व नफरत पैदा कर रही है. भाजपा का हमला सर्वव्यापी है. इसका जवाब भी संघर्ष में सबकी एकता से ही दिया जा सकता है.
इंडियन रेलवे इंप्लाईज फेडरेशन (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का. मनोज पाण्डेय ने कहा कि मजदूरों ने संघर्षों के बदौलत गुलाम भारत में अपने लिए जो अधिकार हासिल किये व कानून बनवाये थे, आज भाजपा उन्हें छीन रही है और मालिक वर्ग के लिए काम कर रही है. हम इस बात पर यकीन नहीं करते कि सरकार को पीछे नहीं ढकेला जा सकता. डिफेंस मजदूरों की हड़ताल ने मजदूर आंदोलन के लिए एक बड़ा संदेश दिया है और जीतने का विश्वास पैदा किया है. रेलवे का निजीकरण आम जनता पर हमला है. हमें यह बात सबको बतानी होगी और भाजपा का भंडाफोड़ करना होगा.
इससे पहले, कन्वेंशन में आधार वक्तव्य रखते हुए ऐक्टू नेता का. विजय विद्रोही ने कहा कि भाजपा राज में देश के संवैधानिक ढांचे को नष्ट किया जा रहा है, लोकतंत्र को समाप्त किया जा रहा है. संघ व भाजपा संरक्षित गुंडा गिरोह लोगों को अपमानित कर रहे हैं, उनकी भीड़ हत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन आंदोलन के समक्ष बड़ा संकट है. सबसे बड़ी चुनौती मजदूर वर्ग के अस्तित्व व उसके अधिकारों को बचाने की है. हर क्षेत्र के मजदूरों की एकजुटता से ही इस चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है.
कन्वेंशन की अध्यक्षता करते हुए ऐक्टू की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. प्रेमलता पांडेय ने कहा कि मोदी-योगी सरकार ‘बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ’ की बात करती है. किंतु बड़ी बेशर्मी से बलात्कारी सांसदों व विधायकों के बचाव में खड़ी है. ताजा मामला स्वामी चिन्मयानंद का है जिन्हें एफआईआर के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में आंगनबाड़ी कर्मियों, सहायिकाओं, रसोइयों व आशाकर्मियों को सबसे कम मानदेय दिया जा रहा है. निजीकरण शोषण की क्रूर व्यवस्था है. भाजपा सरकार द्वारा कारपोरेट के हित मे थोपे जा रहे निजीकरण के खिलाफ मजदूरों के साथ महिलाओं की एकजुटता भी जरूरी है.
कन्वेंशन को एफएएनपीएसआर के राष्ट्रीय महासचिव व बनारस के डीजल रेल कारखाना के मजदूर नेता राजेंद्र पाल, एनईआर वर्कर्स यूनियन के नेता का. जेएन शाह, रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री की संघर्ष समिति के नेता सुशील गुप्ता, मनजीत सिंह, हरिकेश, मुगलसराय रेलवे जोन के मजदूर नेता संतोष पासवान, उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन के नेता नरेंद्र सिंह, एनईआर यूनियन के मंजीत सिंह जगाधारी, पूर्व मध्य रेलवे इंप्लाईज यूनियन के मुगलसराय मंडल महामंत्री संतोष पासवान, अवकाश प्राप्त रेल नेता व ऐक्टू के लखनऊ संयोजक मधुसूदन मगन, उ. प्र. निर्माण मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र, लखनऊ पीजीआई नर्सिंग यूनियन के नेता सुजान सिंह व सीमा शुक्ला, उ. प्र. ग्रामीण प्रहरी (चौकीदार) यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामानंद पासवान, जितेंद्र यादव, इफ्को ठेका मजदूर संघ के अध्यक्ष देवानंद भारती, कताई मिल मजदूर मोर्चा के नेता रामप्रवेश यादव, निर्माण मजदूर यूनियन व भाकपा(माले) नेता का. रामसिंह, आइसा प्रदेश सचिव शिवा रजवार, इंनौस प्रदेश सहसचिव राजीव गुप्ता आदि ने संबोधित किया. पूर्व रेलकर्मी व मजदूर नेता का. अनिल कुमार ने मजदूरों का मांगपत्र व राजनीतिक प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. कन्वेंशन का संचालन आईईआरएफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व ऐक्टू नेता कामरेड कमल उसरी ने किया.