वर्ष - 28
अंक - 40
21-09-2019

पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में छात्र संघ के चुनाव हुए. इन चुनावों के नतीजे वामपंथ के लिये उत्साहवर्धक हैं और दिखलाते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी नौजवान छात्रों की अच्छी-खासी तादाद साम्प्रदायिक फासीवादी साजिश का प्रतिरोध कर रही है और वामपंथ के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर रही है. हिंसा, फर्जी डिग्री, मनी, मसल की राजनीति को कड़ी टक्कर देते हुए आइसा दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र हितों की मजबूत आवाज बनकर उभरा है.

दिल्ली विश्वविद्यालय में हुए छात्रसंघ चुनाव में आइसा ने इस बार अकेले लड़ने का फैसला किया. यहां वामपंथी छात्र संगठनों के बीच एकता कायम नहीं हो सकी. जहां एसएफआई ने केन्द्रीय पैनल के किसी भी पद पर अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया, वहीं एआईएसएफ ने उपाध्यक्ष पद पर अपना प्रत्याशी खड़ा किया था. हालांकि केन्द्रीय पैनल के किसी भी पद पर आइसा चुनाव नहीं जीत सका मगर उसके वोट पिछली बार की तुलना में बढ़े हैं. इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर आइसा को 5,886 वोट मिले. जीतने वाले एबीवीपी के उम्मीदवार को 29685 वोट मिले. वहीं उपाध्यक्ष पद पर आइसा के उम्मीदवार को 8,217 वोट मिले जबकि जीतने वाले एबीवीपी के उम्मीदवार को 19,858 वोट मिले हैं. इस पद पर एआईएसएफ के उम्मीदवार को 3,000 वोट मिले. महासचिव पद पर आइसा को 6,804 वोट मिले हैं जबकि जीतने वाले एनएसयूआई को 20,934 वोट मिले. संयुक्त सचिव पद पर आइसा के उम्मीदवार को 10,876 वोट मिले जबकि जीतने वाले एबीवीपी उम्मीदवार को 17,234 वोट मिले.

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जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव में आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ और डीएसएफ ने संयुक्त मोर्चा ‘लेफ्ट युनिटी’ बनाया. चुनाव के  नतीजतन लेफ्ट युनिटी के उम्मीदवार केन्द्रीय पैनल के चारों पदों पर विजयी रहे. कुल मतों की गिनती हो जाने के बाद अध्यक्ष पद पर लेफ्ट युनिटी के उम्मीदवार को 2,313 वोट मिले और उन्होंने एबीवीपी के उम्मीदवार को 1,185 मतों के अंतर से हराया. उपाध्यक्ष पद पर लेफ्ट युनिटी को 3,365 वोट मिले और उन्होंने एबीवीपी को 2,030 मतों के विशाल अंतर से हराया. महासचिव पद पर लेफ्ट युनिटी को 2,518 वोट मिले और उन्होंने एबीवीपी को 1,163 मतों से हराया, और संयुक्त सचिव पद पर लेफ्ट युनिटी के उम्मीदवार को 3,295 वोट मिले और उन्होंने एबीवीपी के उम्मीदवार को 1,787 वोटों से हराया. लेकिन 8 सितम्बर 2019 को मतगणना के तुरंत बाद चुनाव का नतीजा सुनाने पर अदालत ने रोक लगा रखी थी. एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने वाइस चांसलर से सांठगांठ करके चुनाव प्रक्रिया के सवाल पर मुकदमा दायर कर रखा था.

इस मुकदमे की सुनवाई 17 सितम्बर को हुई और अंततः अदालत ने मतगणना का परिणाम सुनाने का आदेश दिया. अंतिम परिणामों की घोषणा के बाद शाम को जेएनयू के गंगा ढाबा से चंद्रभागा होस्टल तक लेफ्ट युनिटी ने विजय जुलूस निकाला, जिसका नेतृत्व चारो विजयी उम्मीदवार कर रहे थे.

गढ़वाल विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में विश्विद्यालय प्रतिनिधि के पद पर आइसा के अंकित उछोली ने जीत हासिल की. उन्होंने पिछले वर्ष भी उपाध्यक्ष के पद पर जीत हासिल की थी.

aisa garwal