गाजीपुर में दो अलग-अलग घटनाओं में भाकपा(माले) की टीम पीड़ित परिवारों से मिली. दबंगों को सत्ता संरक्षण के खिलाफ और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पार्टी ने 30 अक्टूबर को जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना भी दिया.
भाकपा(माले) जिला सचिव का. शशिकांत कुशवाहा के नेतृत्व में जांच दल ने रविवार को थाना सुहवल अंतर्गत सरैया गांव का दौरा किया. गत 24 अक्टूबर को रात में दबंग सामंती ताकतों ने हथियारों से लैस होकर सुनियोजित तरीके से बिंद समुदाय की बस्ती पर हमला किया, पचासों राउंड हवाई फायरिंग की और धर्मेंद्र बिंद को घर से खींच कर चौराहे के बीच सड़क पर गोली मार दी जो आज भी बीएचयू ट्रामा सेंटर में जीवन मौत से जूझ रहे हैं.
परिजनों ने जांच दल को बताया कि इस घटना के एक सप्ताह पूर्व खेत में सिंचाई को लेकर दबंगों ने बिंद परिवार पर हमला किया था, तब गांव के लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करा दिया था. एक सप्ताह बाद वे फिर बिंद परिवार के घर पर आकर गाली-गलौज करने लगे, तब भी गांव के लोगों ने हस्तक्षेप कर रोका. उसी रात असलहाधारी लोगों को गोलबंद कर दबंगों ने जानलेवा हमला कर दिया.
नामजद एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अभी तक एक भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अभी भी हमलावर पांच और लोगों को गोली मारने की धमकी दे रहे हैं. पुलिस प्रशासन मौन है. ये सभी हमलावर भाजपा से जुड़े हैं. उन्हें सत्ता का संरक्षण है.
भाकपा(माले) का एक जांच दल जिले के गहमर, जो देश का सबसे बड़ा गांव है, भी पहुंचा था. इस गांव में सामंती दबंगों ने दुर्गा पूजा देखने गए संतोष यादव, सर्वजीत यादव व ओमप्रकाश कुशवाहा पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला किया था. हमले में बुरी तरह घायल संतोष यादव आज भी जीवन मौत से जूझ रहे हैं.
जांच दल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के शासन में दबंग पूरी तरह भय मुक्त हैं. उन्हें कानून का डर नहीं है. दलितों, पिछड़ों व गरीबों पर हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है, क्योंकि अपराधी सत्ता संरक्षण को लेकर आश्वस्त हैं.
जांच दल में शशिकांत कुशवाहा, गोरख राजभर, विजयी वनवासी, चन्द्रावती देवी, सुधाकर बिंद, अनिल राम व भरत राम शामिल रहे.