वर्ष - 33
अंक - 47
22-11-2024

बांका जिले में ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ 16 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 21 अक्टूबर 2024 तक 6 दिनों चली. इसने 72 गांवो में 81 किलोमीटर की दूरी तय की.

16 अक्टूबर 2024 से बांका शहर में अम्बेडकर, गांधी जी और शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और नुक्कड सभा के साथ यह यात्रा शुरू हुई. शहर के मुख्य मार्ग पर पदयात्रा करते हुए यह ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश कर गई. पहले दिन 10 गावों से गुजरकर कझियागोला में रात्रि विश्राम करने से पहले 4 नुक्कड सभायें और एक ग्राम सभा की गई. कुल 52 पदयात्रियों में 12 महिलाएं और 8 नौजवान शामिल थे.

दूसरे दिन नुक्कड सभा और दो ग्राम सभा की गई. कुल भागीदारी 45 लोगों की रही जिसमे 8 महिला साथी और 6 नौजवान शामिल थे. कझियागोड़ा से तेलिया, कुनौनी आदि गावों से गुजरते हुए 14 किलोमीटर की पदयात्रा की गई और अंबा में रात्रि विश्राम किया गया.

तीसरे दिन गांव-गांव में नुक्कड सभा करते हुए 8 किलोमीटर की यात्रा तय की गई. यात्रा में 5 महिलाओं और 4 युवाओं समेत 30 लोगों भागीदारी रही.

चौथे दिन बांका प्रखंड के चार गांवों में जन संबाद किया गया. ग्रामीण मजदूरों, खेत मजदूरों और किसानों की स्थानीय समस्याओं पर बातचीत की गई. आज कुल भागीदारी 20 लोगों की रही.

पांचवें दिन शंभुगंज प्रखंड के वारसावाद से पदयात्रा शुरू हुई. कस्बा, पररिया, भिठ्ठी, कुन्नथ, मसौथा, मिर्जापुर, चमेलीचक, चुटिया आदि 12 गांवों में जनसंपर्क करते हुए, नारा लगाते, व नुक्कड सभा करते हुए 18 किलोमीटर की दूरी तय कर पदयात्रा बेलारी ग्राम पहुंचे जहां रात्रि भोजन और ग्राम सभा की गई. पदयात्रा में आज 75 लोग शामिल हुए जिसमें 45 महिलाएं और 10 नौजवान थे.

आज की यात्रा की आज खास बात यह रही की मुस्लिम बहुल चुटिया ग्राम से जब पदयात्रा गुजर रही थी, 20-25 की संख्या में मुस्लिम महिलाएं पदयात्रा में शामिल होकर नारा लगाते पूरे गांव में घूमीं. यहां यात्रियों को अच्छा जन समर्थन और जन सहयोग मिला. यह भी दिखा कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश है और लम्बे समय से सरकारी जमीन पर बसे लोगों में फिर से उजड़ने का भय व्याप्त है.

6ठे दिन शंभुगंज से पदयात्रा शुरू होकर केहनीचक, प्रतापनगर, करंजा, नरौल, मालडीह, सतपट्टी, भलुआ, छत्रहार सहित अन्य गांवो से गुजरते हुए 20 किमी की यात्रा कर मुंगेर जिले की सीमा पर स्थित तारापुर के समीप अंबा गोयड़ गांव में सभा करने के साथ समाप्त हुई. आज की यात्रा में कुल 40 पदयात्रा शामिल थे जिसमें 20 महिलाओं और 5 नौजवानों की भागीदारी रही.

कुल 81 किलोमीटर की बदलो बिहार न्याय यात्रा के दौरान बांका जिला के दो प्रखंडों के 72 गांवों से पदयात्रा गुजरी. यात्रा के दौरान जमीन का पर्चा, वासगीत जमीन, स्मार्ट मीटर, सर्वे आदि मुद्दे उभर कर सामने आए. बांका प्रखंड में नहर किनारे शंकरपुर से अंबा तक 10 किलोमीटर की जर्जर सड़क को बनाने के लिए संघर्ष करने की मांग भी उठी और जनता ने पार्टी को समर्थन देने का वादा किया.

जीविका दीदी, विद्यालय रसोइया और आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ की मांगो में शामिल करने के लिए पार्टी के प्रति आभार और समर्थन व्यक्त किया.

निर्माण मजदूरों और खेत मजदूरों ने संवाद के दौरान अपनी समस्याओं को रखा. रोज़गार के अभाव में पलायन और सामाजिक सुरक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता उनकी मूल समस्या है.

किसानों से संवाद के दौरान लाभकारी मूल्य, लागत व्यय में बढ़ोतरी और शंभुगंज प्रखंड में हनुमना डैम के नहर से सिंचाई का जबरन कर वसूली का मुद्दा सामने आया.

प्रायः सभी गांव में महिलाओं ने आगे बढ़कर पदयात्रियों का स्वागत किया. कहीं सत्तू घोलकर, तो कहीं शर्बत पिलाकर बदलो बिहार न्याय यात्रियों का स्वागत किया. पार्टी सदस्यता के साथ साथ पार्टी के जनसंगठनों – खेग्रामस, किसान महासभा, ऐपवा और ऐक्टू की अच्छी सदस्यता बनने की संभावना बढ़ी है.

भाकपा और भाकपा(माओवादी) के प्रभाव वाले गांवों में भी जनता ने भाकपा(माले) की न्याय यात्रा का स्वागत किया और भाकपा(माले) के संघर्षों में शामिल होने और पार्टी का सदस्य बनने की बात कही. न्याय यात्रा से पार्टी सदस्यों व कतारों में जोश-उत्साह बढ़ा है.

जिला के कुछ क्षेत्रों में भाकपा और भाकपा(माओवादी) का कहीं सघन और कहीं छिटपुट आधार रहा है. भाकपा सहित अन्य राजनीतिक दलों द्वारा सामंती ताकतों के साथ मिलकर भाकपा(माले) के वारे में कुप्रचार कर जनता के बीच भ्रम पैदा की गई है.

कमजोर सांगठनिक स्थिति, कमजोर आधार और संसाधन की कमी के बावजूद बांका जिले में ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ सफल रही. जनता के बीच पार्टी की राजनीति को ले जानेए पार्टी के प्रति जनता के बीच फैलायी गयी भ्रांतियों और भ्रम को दूर करने और बदलो बिहार के मुद्दे और नारों को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही यात्रा से जिले में पार्टी निर्माण और सांगठनिक ढांचा बनाने की अनुकूल परिस्थिति बन गई है.

बांका जिले में बदलो बिहार न्याय यात्रा में पार्टी के राज्य कमिटी सदस्य का. एसके शर्मा के साथ का. रामचन्द्र दास, वीरबल राय, रीता देवी, रणवीर कुशवाहा, रेणु देवी, विशेश्वर पंडित, अरुण कुमार दास, राजेन्द्र यादव, रमबतिया देवी, लक्ष्मी देवी, नन्दिनी देवी, पिंकी देवी, विशेश्वर दास, मेहीलाल लैया, बलराम राय आदि साथी शुरू से अंत तक शामिल रहे.

(अगले अंकों में नालंदा, अरवल, मुजफ्फरपुरए बक्सर, जमुई आदि जिलों की रिपोर्ट प्रकाशित होगी)

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