शहीदे आजम भागत सिंह के जन्म दिवस के मौके पर जालौन में भाकपा(माले) नेताओं ने भगत सिंह पार्क पर पहुंचकर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के चित्रों पर माल्यार्पण करने के बाद भगत सिंह और फासीवाद विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की.
लखनऊ विश्वविद्यालय में आइसा ने सदस्यता अभियान चलाया जिसमें बड़ी संख्या में जुटे छात्रों ने देश में बदलाव की क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.
इस मौके पर आइसा नेताओं ने कहा कि भगत सिंह को उपनिवेशवाद एवं पूंजीवादी शोषण के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बताया. कहा कि आज भारत को बढ़ते अधिनायकवाद, सांप्रदायिकता और कार्पारेट वर्चस्व का सामना करना पड़ रहा है. आइसा इन सभी चुनौतियों के खिलाफ छात्र-युवाओं को एकजुट कर भगत सिंह और अंबेडकर की विरासत और विचार के जरिए एक प्रगतिशील, लोकतांत्रिक और न्यायपूर्ण समाज के लिए संघर्ष करता रहेगा.
मथुरा में भाकपा(माले) की मथुरा-वृंदावन नगर कमेटी के तत्वाधान में शहीदे आजम के 117वें जन्म दिवस पर बाल्मिकी वाटिका, भरतपुर गेट, मथुरा में एक गोष्ठी आयोजित की गई. नेताओं ने देश की आजादी के आंदोलन में शहीदे आजम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहली बार उन्होंने ही शोषण मुक्त और वर्ग विहीन समाज की स्थापना के साथ देश को समाजवाद के रास्ते पर ले जाने का सपना देखा. उनके मार्ग पर चलकर ही देश के संविधान और जनतंत्र को वचाने का काम किया जा सकता है और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
गोष्ठी की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सफाई मजदूर एकता मंच के जिला संयोजक साथी उत्तमचंद सहजनाने की और इसको भाकपा(माले) की राज्य स्थायी समिति के सदस्य एडवोकेट नशीर शाह, जिला सचिव गिरधारी लाल चतुर्वेदी, एक्टू के जिला संयोजक वीएम मेहता आदि ने सम्बोधित किया. कार्यक्रम में जितेंद्र सिंह, राजवीर सिंह, धर्मेश खरे, अमित कुमार, ज्वाला सिंह, वीरेन्द कुमार, विक्रम चौहान, संजू सैनी, अजीत सिंह, दिनेश कुमार, दलवीर सिंह, व्रजेश कुमार, माधव प्रसाद आदि मुख्य रूप से शामिल थे. पूरनपुर कार्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया.
झारखण्ड के लोहरदगा में राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के तत्वावधान में शहीदे आजम भगतसिंह की 117वीं जयन्ती मनाई गई. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय म्युनिसिपल एंड सेनिटेशन वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह से गुलाम भारत में मंहगाई, बेरोजगारी, उत्पीड़न और शोषण-दोहन तथा दमन था, आज भी वही हाल है. अंग्रेज सरकार कहती कुछ थी और करती कुछ थी. ठीक उसी प्रकार की कार्रवाई आज भी जारी है. नौजवान नौकरी के लिए आज भी जान दे रहे हैं. केन्द्र की मोदी सरकार कार्पोरेट पूजिपतियों के हाथों का खिलौना बनी हुई है और हर स्तर पर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. देश के बैंकों में जमा गरीबों के पैसे को निकाल कर पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है. आजादी के अमृत काल में धर्म व संप्रदाय के आधार पर बंटता दीख रहा है. देश बंटता हुआ दिखाई पड़ रहा है.
कार्यक्रम के जरिए लोगों से इंसानियत व जम्हूरियत के की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया.
भगत सिंह जयंती के अवसर पर लखनऊ प्रेस क्लब में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) की राज्य स्थायी समिति और सीतापुर जिला पंचायत के सदस्य अर्जुन लाल ने कहा कि देश के शासक आज भी जाति व धर्म के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं तथा गरीबों व मेहनतकशों के ऊपर जुल्म ढा रहे हैं. भगत सिंह के मूल्यों व आदर्शों की विरोधी ताकतें सत्ता पर काबिज हो गईं हैं.
इमरान राजा ने लखनऊ की अकबर नगर बस्ती के ध्वस्त किए जाने की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज मेहनतकशों को न्याय दिलाने के लिए भगत सिंह की स्पिरिट को जगाना होगा और लड़ाई के मैदान में उतरना होगा. उन्होंने लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के बारे में बताया और कहा कि उजाड़े गए लोगों को इंसाफ मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा.
अकबर नगर से विस्थापित बुशरा खातून ने उजाड़े गए लोगों के जीवन की बदहाली के बारे बताते हुए कहा कि वहां परिवार बिखर रहे हैं क्योंकि एक कमरे के घर में पूरे परिवार का रह पाना संभव नहीं है.
मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर राय ने कहा कि जब तक समाज में जुल्म व गैरबराबरी है तब तक भगत सिंह के विचार को जिंदा रखना होगा और आने वाली पीढ़ी को उनके विचारों से परिचित कराना होगा. भगत सिंह साम्प्रदायिकता को सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे और उन्होंने पत्रकारिता में व्याप्त साम्प्रदायिक जहर के खिलाफ भी ‘कीर्ति’ में एक लेख लिखा था. भगत सिंह का मानना था कि गोरे अंग्रेजों को हटा कर काले अंग्रेजों के सत्ता में आ जाने से जनता को सच्ची आजादी मिलने वाली नहीं है.
गोष्ठी को इंसाफ मंच के सचिव ओमप्रकाश राज ने भी संबोधित किया. गोष्ठी का संचालन करते हुए ऐपवा की मीना सिंह ने कहा कि भगत सिंह के प्रिय मूल्यों – धर्मनिरपेक्षता व समाजवाद के खिलाफ आज जो साजिश हो रही है उसे शिकस्त देकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती हैं. गोष्ठी की अध्यक्षता इंसाफ मंच के उपाध्यक्ष राजेश अम्बेडकर ने किया. आरबी सिंह, रोज मुहम्मद, तस्वीर नकवी, एएन सिंह, रितेश, सुमन, अंजू आदि गोष्ठी में उपस्थित अन्य प्रमुख लोग थे.