वर्ष - 33
अंक - 41
05-10-2024

नीतीश सरकार ने भूमिहीन, वंचितों और गरीबों को जमीन उपलब्ध कराने का वादा किया था. किंतु, खैरा प्रखंड के चुआं पंचायत अंतर्गत केवाल फरियता गांव में सरकार के इस प्रयास पर भू माफिया की नजर लग गई है. वित्तीय वर्ष 1986-87 में तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी मान सिंह और अंचलाधिकारी एम बारी ने संयुक्त रूप से कैम्प लगा कर खाता-103, खसरा 799, मौजा केवाल फरियता में 36 महादलित परिवारों को जीवनयापन के लिए सरकार ने प्रति परिवार 22 डि. के हिसाब से कुल सात एकड़ 92 डि. गैरमजरूआ जमीन बंदोबस्त किया था. मालिक गैरमजरूआ जमीन बंदोबस्त किया था.इतने दिनों से ये परिवार उक्त जमीन पर खेती कर जीवनयापन कर रहे थे. इधर, शेष गैरमजरूआ जमीन चिन्हित करने को लेकर जब सरकारी अमीन द्वारा मापी की शुरूआत की गई तो भू-माफिया ने महादलितों को बंदोबस्त जमीन पर धार्मिक झंडा गाड़ दिया. साथ ही, अमीन को मापी कार्य करने से रोक दिया. बीते 20 सितंबर की इस घटना के विरोध में भाकपा(माले) के नेतृत्व में पीड़ित महादलितों ने बीते शुक्रवार 27 सितंबर को कचहरी चौक पर धरना दिया और जिला पदाधिकारी को तीन सूत्रा मांग पत्र सौंपा.

कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे भाकपा(माले) नेता बाबू साहब सिंह, झाझा प्रखंड सचिव कंचन रजक और जयराम तुरी ने कहा कि सीमांकन के लिए अंचलाधिकारी के निर्देश पर सरकारी अमीन जमीन का मापी कर रहा था. उसी दौरान श्याम यादव, लखन यादव, अजय साह, भोला रजक, नंदू रजक, दीपू यादव जैसे भू-माफियाओं  द्वारा जमीन पर धार्मिक झंडा गाड़कर जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया गया है. बावजूद प्रशासन द्वारा अब तक कोई काकार्रवाई की नहीं गई.

धरना की अध्यक्षता खेत मजदूर नेता बासुदेव राय ने किया. इस अवसर पर मो. हैदर, ब्रह्मदेव ठाकुर, गुलटन पुजहर, किरण गुप्ता, मानी मांझी, हरि मांझी, धनेश्वर मांझी, तितु मांझी, सीताराम मांझी, कौशल्या देवी, रेणु देवी, मधु मांझी, अनरवा देबी, राजेश मांझी, पतिया देवी, पुतुल देवी, शांति देवी सहित दर्जनों उपस्थित थे.