खेग्रामस (अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा) के तत्वावधान में विगत 23 जुलाई 2024 को राजधानी पटना में दलित, गरीबों और मजदूरों का विशाल विधानसभा मार्च निकला. गांव के गरीब, दलित और मजदूर महिला पुरुषों ने हजारों की संख्या में गेट पब्लिक लाइब्रेरी से गर्दनीबाग धरनास्थल तक विशाल जुलूस निकाला. गरीब महिलाएं भी बुल्डोजर राज के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर करने पटना पहुंची थी. गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ सभी भूमिहीनों को 5 डि. वास की जमीन, पक्का मकान, 200 यूनिट प्रफी बिजली, आंध्र प्रदेश की तरह सामाजिक सुरक्षा पेंशन 4000 रुपए करने, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की लूट और दमन मुख्य मांगें थीं. प्रदर्शन के माध्यम से नीतीश कुमार को याद दिलाया गया कि महागठबंधन सरकार की घोषणाओं के अनुरूप 95 लाख अति गरीबों को 2-2 लाख रूपये का अनुदान देने की प्रक्रिया क्यों बंद है?
सभा से प्रस्ताव लेकर ऐलान किया गया कि इसे मोदी का 15 लाख रू. का जुमला नहीं बनने दिया जाएगा. भाकपा(माले) के ‘हक दो वादा निभाओ’ अभियान के तहत सभी दलित-गरीब बस्तियों की आम बैठक करते हुए आगामी 21 से 23 अगस्त 2024 तक अंचलों में प्रदर्शन होगा और गरीबों का से प्रमाण पत्र बनाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जायेगी. गरीबों के विशाल विधानसभा मार्च की अगुवाई भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, खेग्रामस के राष्ट्रीय संरक्षक पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, संगठन के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा, राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, जीवछ पासवान, मदन सिंह, प्रदीप कुमार, रामधारी दास, देवेंद्र साह आदि कर रहे थे.
इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए धीरेंद्र झा ने कहा कि मोदी सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा नहीं देकर बिहार के साथ नाइंसाफी की है. पुरानी योजनाओं-घोषणाओं को रिपैकेजिंग करके स्पेशल पैकेज का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि केन्द्र सरकार के सामने नीतीश कुमार ने घुटना टेक दिया है. बिहार को गरीबी के दुष्चक्र से निकालने के लिए राज्य को एक पैसा भी केंद्र सरकार ने नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य के 95 लाख अति गरीबों को सरकार की घोषणानुसार 2-2लाख रूपये के अनुदान के लिए निर्णायक संघर्ष होगा.
खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि बिहार के सभी दलित-गरीबों को वासगीत जमीन और पक्का मकान देना होगा. आवासीय भूमिहीनों का विराट आंदोलन राज्य में तेज होगा और बुल्डोजर राज्य को चलने नहीं दिया जाएगा. संगठन के सम्मानित राज्य अध्यक्ष भाकपा(माले) विधायक बीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि राज्य में दलित-वंचितों की हत्याएं हो रही हैं और उन पर सामंती हमले तेज हुए हैं. भाजपा की नीतीश सरकार हमलावरों को संरक्षण दे रही है. संगठन की ओर से प्रस्तुत 12 सूत्री मांगों पर मंत्री से शिष्टमंडल मिलेगा. संगठन के राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि राज्य में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की लूट और दमन चल रहा है. दर्जनों महिलाओं ने आत्महत्या की है. उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि आंध्र प्रदेश की तरह 4000 रु. की जाये और मनरेगा मजदूरी दैनिक 600 रु. हो.
संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि दलित-गरीबों की जो बात करेगा, वही पटना-दिल्ली में राज करेगा. सभा को संबोधित करते हुए विधान पार्षद शशि यादव ने कहा कि दलित-वंचितों के बीच से आने वाली महिलाओं को मुख्यमंत्री के द्वारा अपमानित करना बहुत ही दुखद है. सभा को अन्य लोगों के साथ ऐक्टू नेता आरएन ठाकुर, रणविजय कुमार, महांसघ गोप गुट के सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद, ऐपवा नेत्री माधुरी गुप्ता आदि ने संबोधित किया.
निवेदनपूर्वक कहना है कि अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) राज्य के लाखों दलित-गरीबों और मजदूरों का नेतृत्व करती है. दलित-गरीबों के मान सम्मान, वास-आवास, रोजी-रोटी और बेहतर जिंदगी के विस्तृत एजेंडा पर काम करता रहा है. संगठन द्वारा राज्य की गरीबी, आवासहीनता, शिक्षा की पहुंच, पलायन आदि को लेकर जो रिपोर्ट रखती रही है, उसकी पुष्टि महागठबंधन सरकार द्वारा किए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वे ने किया. विधानसभा के समक्ष आयोजित मार्च के माध्यम से हम मांग करते हैं कि –
सामाजिक-आर्थिक सर्वे के मुताबिक बिहार में तकरीबन 95 लाख परिवार अति गरीब हैं जिसकी मासिक आमदनी 6000 रुपए से कम है. इन 95 लाख परिवारों को 2 लाख रुपए की सहायता देने की सरकारी घोषणा को लागू किया जाये और इसके लिए उन सभी परिवारों को तत्काल विशेष अभियान के तहत आय प्रमाण पत्र निर्गत किया जाये.
पूर्व में ही बिहार सरकार के द्वारा फैसला लिया जा चुका है कि तमाम भूमिहीनों को वास के लिए 5 डिसमिल जमीन दिए जाएंगे. हमारी मांग है कि उक्त फैसला को लागू करने के लिए राज्य सरकार तमाम अनाधिकृत बसावटों का सर्वे करे, जो जहां बसे हैं उन्हें बासगीत पर्चा दिया जाये, जिस जमीन की बंदोबस्ती नहीं हो सकती है, उन परिवारों को बसाने के लिए सभी अंचलों में विशेष काॅलोनी बनाई जाये. बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के उजाड़ने पर सख्ती से रोक लगाई जाये. तमाम परचाधारियों को दखल कब्जा की गारंटी हो.
डी. बंद्योपाध्याय की अध्यक्षता वाले भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए सभी को जोत के लिए कम से कम 10 कट्ठा जमीन और बास के लिए बास भूमि का पर्चा दिया जाए!
सभी आवास विहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान की गारंटी करते हुए कम से कम 50,0000 रूपये का अनुदान दिया जाये.
देश में एनडीए गठबंधन की सरकार बनते बिहार में डबल इंजन की सरकार के मौजूदगी में बिहार में तीव्र गति के साथ अपराध हत्या, लूट, बलात्कार, दलित-महादलितों पर सामंती जुल्म, गया के टिकरी थानाअंतर्गत महादलित मुसहर जाति को हाथ काट देना, नवादा में महादलित पर हत्या मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी थाना कांड संख्या 165/ 2024 संजीत मांझी को चाकू से गोद देना, हमला करना मुंह में पेशाब कर देना, महिलाओं को निर्वस्त्रा करके घूमाना, राजवाड़ा अंबेडकर उच्च विद्यालय छात्रावास महादलित पूनम कुमारी की हत्या करना – बिहार के दर्जनों जिला में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है यह तो कुछ नमूना है! लेकिन अपराधी पूरे बिहार में सीना ठोकते हुए सरेआम घूम रहे हैं. बिहार सरकार और प्रशासन इन अपराधियों को संरक्षण देने में लगा हुआ है अतः हमारी मांग है तमाम अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल के शिकंजो में बंद किया जाये.
मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड नड़ियार गांव114 परिवार दरभंगा, सिवान, नवादा, मधुबनी, पटना ग्रामीण, बिहार के विभिन्न जिलों में उजाड़े गए सभी हजारों भूमिहीनों को कम से कम 5 डिसमिल जमीन देते हुए बसाया जाएं दलित गरीब भूमिहीन के झोपड़िया पर बुलडोजर चलाना अभिलंब बंद किया जाना चाहिये.
सभी गरीब भूमिहीनों को 200 यूनिट बिजली फ्री दिया जाए एवं स्मार्ट मीटर पर रोक लगे.
सभी मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिन काम और 600 रूपये दैनिक मजदूरी का भुगतान किया जाये एवं बेरोजगारी भत्ता लागू करते हुए फर्जी जाॅब कार्ड को निरस्त कर किया जाये, निरस्त जाॅब कार्ड को अभिलंब बहाल करते हुए मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर अविलंब रोक लगा जाये.
पीपी एक्ट के तहत मालिकों द्वारा बसाए गए रैयतों को बास गीत जमीन की पर्चा दिया जाये एवं भूदान, बिहार सरकार, गैर मजरूआ परचाधारियों को दाखिल-खारिज करते हुए मालगुजारी रसीद दिया जाये. परचाधारियों को दखल कब्जा दिलाया जाये.
आये दिन बिहार में बड़े पैमाने पर माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्ज के दबाव में दर्जनों लोगों की आत्महत्या व हत्या की घटना सिलसिलेवार से जारी है मुजफ्फरपुर प्रखंड के सकरा, बंदरा व मुसहरी और पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा आदि समेत दर्जनों जिला की घटनाएं सामने माइक्रोफाइनेंस कंपनी द्वारा दिए गए तमाम कर्ज को बिहार सरकार बहन करें एवं माइक्रापेफाइनेंस कंपनियों पर प्रतिबंध लगाते हुए पिड़ीत परिवारों को मुआवजा दिया जाये और दोषियों पर कार्रवाई की जाये.
60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले सभी गरीब-भूमिहीन परिवारों को वृद्धावस्था , विकलांगों व विधवाओं को प्रति माह 3000 रूपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिया जाये.
सभी गरीब, खेत मजदूर, दलित-महादलित भूमिहीनं परिवारों 400 रू. में गैस सिलेंडर दिया जाये.
सभी गरीब, मजदूर, भूमिहीन, अति पिछड़ा, दलित-महादलित परिवारों के बच्चे-बच्चियों को मुफ्त शिक्षा दी जाये और उन्हें प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही कलम, काॅपी, किताब और बैग आदि दिया जाये.