महाराष्ट्र के जलगांव में विगत 2-3 जुलाई 2023 को दोदिवसीय ‘भारत जोड़ो’ नाम से राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन में का. भारत पाटनकर, कोलसे पाटील, उल्का महाजन, प्रतिभा शिंदे, विश्वास उटगी, धनाजी गुरव, लोकेश नाइक (जागो कर्नाटका), अभय शुक्ला, अमय तिरोडकर, निरंजन टकले, ललित बाबर, विलास घोंघडे, मेधा पाटकर, ब्रेहान लोबो के साथ ही कई समाजवादी नेता, पत्रकार और स्वंयसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे. सत्य शोधक समाज के बाबा आढव ने अपना ऑडियो संदेश भेजकर सम्मेलन को बधाई दी.
सम्मेलन में भाजपा व आरएसएस द्वारा फैलाये जा रहे सांप्रदायिक नफरत और जातीय ध्रुवीकरण का मुकाबला करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में उसे पराजित करने की रणनीति पर व्यापक चर्चा हुई.
सम्मेलन में वक्ताओं ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मोदी राज में 67 स्वतंत्र पत्रकारों पर फर्जी मामले दर्ज किये गये और 200 से ज्यादा पत्रकारों के साथ मारपीट की घटनायें हुईं.
सम्मेलन ने भाजपा द्वारा देश भर में मुस्लिम समाज को निशाना बनाने; माॅब लिंचिंग, नफरत फैलाने व दंगा-फसाद में पूरी ताकत लगाने (भाजपा ने पिछले 6 महीनों में 24 जगहों पर दंगे भड़का कर अपने प्रभाव को बढ़ाया); ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा एकपक्षीय भूमिका निभाते हुए उल्टे मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही प्रताड़ित करने; कमजोर वर्ग के छात्रों का स्काॅलरशिप बंद कर देन; ओबीसी से मुस्लिम कोटा हटाने तथा निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल में डालने और इसके दोषी पुलिस अधिकारियों पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर भी चर्चा की.
सम्मेलन में लव जेहाद के नाम पर दहशत फैलाने और महिलाओं पर बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए एट्रोसिटी एक्ट में मुसलमानों के समावेश की मांग भी उठी.
सम्मेलन ने न्यायिक प्रक्रिया को विलंबित करने, आंदोलनकर्ताओं के खिलाफ षड्यंत्र कर उनको जेल में डालने और पुलिसिया अत्याचार में बढ़ोतरी से लोकशाही पर बढ़ते खतरों को भी चिन्हित किया.
साथ ही, बेरोजगारी की विकराल होती समस्या और स्वास्थ्य सेवा पर बढ़ते निजी नियंत्रण (महाराष्ट्र के कई बडे सरकारी अस्पताल अडानी को सौंप दिये गये हैं) के मुद्दों पर जोरदार आंदोलन खड़ा करने तथा रोजगार व सार्वजनिक स्वास्थ्य के अधिकार को बुलंद करने का संकल्प जाहिर किया. सम्मेलन ने आदिवासी संस्कृति व पहचान को बचाने और विकास के नाम पर हो रहे विस्थापन, लोगों की जमीनें हड़पने व मुआवजा से वंचित करने और सरकार द्वारा पुनर्वास की जिम्मेदारी से हाथ खींच लेने के खिलाफ आंदोलन छेड़ने हेतु एक समिति के गठन का भी निर्णय लिया.
‘कर्नाटक जोड़ो आंदोलन’ के नेता लोकेश नाईक ने सम्मेलन को कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए संचालित अभियान की विस्तार से जानकारी देते हुए विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का विश्लेषण कर वहां विपक्ष के वोटों के विभाजन को रोकने, लोगों को पोलिंग बुथ तक पहुंचाने व मुस्लिम और अन्य समुदायों के उदासीन मतदाताओं व अन्य लोगों को भाजपा के विरोध में मतदान करने के लिए अपनाई गई प्रभावी तकनीक की चर्चा की.
श्रीया अय्यर ने 1981 से 2001 बीच हुए दंगा ग्रस्त क्षेत्रों के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि उन क्षेत्रों में एक साल के अंदर हुए चुनावों में भाजपा के वोटों में 5 से 7% तक की बढोतरी हुई.
सम्मेलन ने महाराष्ट्र में अगले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पूरे राज्य को महाराष्ट्र को पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण चार क्षेत्रों में बांट कर हर क्षेत्र, जिला व राज्य स्तरीय कमिटी बनाने, जिल्ला व तालुका स्तर पर सम्मेलन करने, कार्यकर्ता प्रशिक्षण का समयबद्ध कार्यक्रम बनाने, जिला व तालुका स्तर पर सर्वेक्षण करने, कोष संग्रह करने, स्थानीय कार्यालय शुरू करने की योजना बनाई और इसे 31 सितंबर 2023 पूरा कर लेने का संकल्प लिया.