विगत दिनों मध्य प्रदेश के सीधी जिला में एक आदिवासी के ऊपर भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला द्वारा पेशाब करने की शर्मनाक घटना सामने आई. भाकपा(माले), आदिवासी संघर्ष मोर्चा और अन्य कई संगठनों ने भाजपा नेता पर कठोर कार्रवाई करने की मांग को साथ देश के विभिन्न हिस्सों में आक्रोशपूर्ण विरोध प्रदर्शन किये.
पड़ेासी राज्य छत्तीसगढ़ में 8 जुलाई 2023 को भाकपा(माले) की पहल पर अन्य वामपंथी पार्टियों – भाकपा व माकपा की भागीदारी के साथ साथ प्रदर्शन आयोजित हुआ. घटना के प्रति तीव्र रोष जाहिर करते हुए महामहिम राष्ट्रपति के नाम थाना प्रभारी, कोतवाली थाना, भिलाई नगर को ज्ञापन सौंपा गया.
ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले दिनों सीधी जिला में जाति एवं सत्ता के नशे में धुत्त भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला द्वारा एक आदिवासी के ऊपर पेशाब करने जैसी मानवता को शर्मसार और मानवीय मूल्यों को झकझोरने वाली घटना हुई है. आदिवासियों पर अत्याचार की प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है. मध्य प्रदेश आदिवासी अत्याचार के मामले में देश में पहले स्थान पर है. भाजपा सरकार द्वारा लगातार जातीय और सामंतवादी सोच को बढ़ावा और संरक्षण दिया जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप सीधी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
ज्ञापन में जातिवादी और सामंती मानसिकता को संरक्षण और बढ़ावा देने वाली ताकतों पर कठोर कार्रवाई करने, आदिवासियों के मान-सम्मान तथा जल-जंगल-जमीन के संवैधानिक अधिकार की गारंटी करने तथा जातिवादी मानसिकता और सोच को बढ़ावा देने वाले बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला को निष्कासित करने की मांग की गई.
प्रदर्शन मे ऐक्टू, सीटू, ऐटक, छत्तीसगढ़ हल्बा आदिवासी समाज (भिलाई), आदिवासी संघर्ष मोर्चा, जन संस्कृति मंच, दलित शोषण मंच, प्रगतिशील लेखक संघ, बीएसपी सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संघ इत्यादि संगठनों के लोगों ने भी हिस्सा लिया.
आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने उपरोक्त घटना के खिलाफ विगत 13 जुलाई 2023 को झारखंड की राजधानी रांची में राजभवन से अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस निकाल कर प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया. ‘पेशाब कांड के दोषी भाजपाई प्रवेश शुक्ला को कड़ी से कड़ी सजा दो’, पेशाब कांड पर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों? जवाब दो’, ‘समान नागरिक संहिता को वापस लो’, ‘आदिवासियों के धर्म, भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज व परंपरा पर हमला बंद करो’ आदि नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने पेशाब कांड का विरोध किया.
रामगढ़ जिला के पड़रिया में इन्हीं नारों व मांगों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया गया. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया ने इसे संबोधित करते हुए कहा कि आज देश की आजादी के 75 वर्ष बाद केंद्र में भाजपा की सरकार है. भाजपा जनजातीय गौरव दिवस मनाने का ढोंग करती है. वह आदिवासी विरोधी नीतियां, नियम व कानून बनाकर आदिवासियों को सारे अधिकारों से वंचित कर रही है. सीएनटी/एसपीटीऐक्ट, पेसा कानून, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम को भाजपा सरकार लगातार संशोधन कर खत्म करने की कोशिश करते आ रही है. वह आरक्षण को भी खत्म करने में लगी हुई है. वह देश में पिफर से मनुवादी व्यवस्था लाना चाहती है जिसमें दलितों-आदिवासियों को अछूत करार देकर उनके गले में हांडी और कमर में झाड़ू बांधा जाता था.
उन्होंने कहा कि भाजपाई विधायक के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला के द्वारा मध्यप्रदेश में एक युवक के सिर व मुंह पर पेशाब कांड को अंजाम दिया गया. यही भाजपा के हिंदू राष्ट्र की सच्चाई है.
प्रदर्शन में आदिवासी संघर्ष मोर्चा के रामबृक्ष बेदिया, लाका बेदिया, लाली बेदिया, नीता बेदिया, कांति देवी, पालको देवी, सुगिया देवी, सलमतिया देवी, लुलो देवी, सरस्वती देवी, शीला देवी, कदमी देवी, गणशी देवी, राजेंद्र बेदिया, रघु बेदिया समेत अन्य दर्जनों लोग शामिल थे.