लखनऊ के बक्शी का तालाब स्थित एसआर ग्लोबल स्कूल की नाबालिग छात्रा प्रिया राठौर की पांच महीने पहले स्कूल में ही हुई संदेहास्पद मौत के मामले में न्याय की मांग करते हुए ऐपवा ने विगत 15 जून 2023 को बीकेटी तहसील में न्याय मार्च निकाला और घटना की सीबीआई जाच की माँग करते हुए तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
ऐपवा की राज्य कार्यकारिणी की सदस्य का. सरोजिनी बिष्ट ने कहा कि पांच महीने की तहकीकात के बाद पुलिस इसे आत्महत्या बता कर मामला रफा-दफा करना चाहती है. उन्होंने बताया कि ईको गार्डन, लखनऊ में धरने पर बैठे मृतका के पिता से जब ऐपवा के प्रतिनिधि मंडल की बात हुई तो उन्होंने वे सारे तथ्य बताये जो इस ओर इशारा करते हैं कि यह आत्महत्या नहीं, हत्त्या है. उन्होंने कहा कि मोदी और योगी गला फाड़-फाड़कर ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा दे रहे हैं और उनकी नाक के नीचे पिछड़े समाज की एक पढ़ने वाली बेटी की हत्या कर दी जाती है और उनके कान जूं तक नहीं रेंगती.
ऐपवा की सह संयोजिका कमला गौतम ने कहा कि ऐपवा प्रिया की संदेहास्पद मौत की सीबीआई जांच की मांग को पूरा होने और मामले का पर्दाफाश होने तक पीड़ित परिवार के साथ खड़ा रहेगी. इस मुद्दे पर उनका आंदोलन लगातार चलता रहेगा.
उन्होंने कहा कि जब स्कूल के भीतर भी हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं, तो उन्हें और कहां सुरक्षा मिलेगी. एक नाबालिग बेटी की स्कूल परिसर में ही मौत हो जाती है और किसी को पता भी नहीं चलता कि ये कैसे हुआ? यह तो बेहद विचलित कर देने वाली बात है.
न्याय मार्च मे हिमांशी, मंसूरा, सावित्री, सुशीला, प्रेमा, रामावती, फूलमती, सुमन, मोनीता, प्रीति के साथ कई गांवों की महिलाएं शामिल थीं.