बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू से संबद्ध) व अन्य रसोईया संगठनों के बैनर तले बिहार के सभी जिलों से आए हजारों रसोईया ने सरकारी कर्मचारी घोषित करने, मानदेय 21 हजार रूपए करने व बारहों महीने का मानदेय देने सहित अन्य मांगों पर विगत 3 अप्रैल 2023 को बिहार विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया.
इस प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ की महासचिव का. सरोज चौबे ने कहा कि बिहार में रसोइयों को महज 1650 रूपया मानदेय के रूप में मिलता है जबकि बगल के राज्य झारखंड व उत्तर प्रदेश में 2000 रूपए प्रतिमाह मानदेय मिलता हैं. विद्यालयों में रसोइयों को अपमानजनक व्यवहार सहन करना पड़ता है. बार-बार सेवा समाप्ति की धमकी दी जाती है. सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक काम करना पड़ता है फिर भी उनको पार्ट टाइम वर्कर कहा जाता है.
सरोज चौबे ने कहा कि जब से केन्द्र में भाजपा सरकार आई है, रसोइयों का मानदेय एक पैसा भी नहीं बढ़ा है. ऊपर से कोरोना काल का फायदा उठाकर ‘मध्यान्ह भोजन योजना’ का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री पोषण योजना’ कर दिया गया है. मध्यान्ह भोजन योजना नियमित चलनेवाली योजना थी लेकिन अब रसोइयों के सेवा काल को 5 साल तक सीमित कर दिया गया है. कोरोना काल में कोरेन्टाइन सेंटरों में काम करने वाली रसोइयों को न तो मेहनताना दिया गया और न ही मृत रसोइयों को मुआवजा.
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक का. शशि यादव ने कहा कि बढती मंहगाई और घटते रोजगार की स्थिति में रसोइयों के परिवार की स्थिति खस्ताहाल है. श्रम कानूनों को बदलकर लेबर कोड बनाए जाने के बाद से तो रसोइयों की हालत और खराब हो गई है. वे न मजदूर हैं न श्रमिक. उन्हें जो मानदेय मिलता है, वह बिल्कुल असम्मान जनक है.
ऐपवा की राष्टीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार ने भी मध्यान्ह भोजन योजना को पहले तो कुछ जिलों में एनजीओ को सौंप दिया और अब जीविका के जरिए भोजन बनवाने की योजना बना रही है. लगभग 20 साल से काम कर रही रसोइयों के रोजगार व भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. अगर रसोइयों के मांगें नहीं मानी गईं तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज किया जाएगा.
प्रदर्शन को बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ, ऐक्टू की अध्यक्ष सोहिला गुप्ता, ऐटक नेता ओमप्रकाश क्रांति व आरके दत्ता, भाकपा(माले) विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, भाकपा(माले) विधायकों – गोपाल रविदास (फुलवारी शरीफ), अमरजीत कुशवाहा (जीरादेई), मनोज मंजिल (अगियांव) तथा ऐक्टू के महासचिव आरएन ठाकुर, डाॅ. रमाकांत अकेला, रसोईया नेत्रियों – विभा भारती, पूनम देवी, कुन्ती देवी, दिनेश कुशवाहा, परशुराम पाठक आदि ने भी संबोधित किया.