वर्ष - 32
अंक - 13
25-03-2023

20 मार्च, 2023 को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. एसकेएम ने किसानों की सभी लंबित मांगों को पूरा करने और एमएसपी गारंटी कानून को जल्द बनाने के लिए केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा.

महापंचायत के मंच से किए गए ऐलान के अनुसार एसकेएम देश भर में बड़े पैमाने पर कारपोरेट शोषण के खिलाफ किसानों का राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित करेगा, अखिल भारतीय किसान संघर्ष यात्राएं निकालेगा और किसानों की मांगों पर किसानों के साथ ही आम लोगों को भी लामबंद करेगा. महापंचायत में वक्ताओं ने कर्ज में डूबी मोदी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र, कृषि भूमि, वन और प्राकृतिक संसाधनों को आम लोगों से छीनकर कारपोरेट मुनाफाखोरों को बेचने की निंदा की.

महापंचायत में किसान महासभा के अध्यक्ष रुल्दू सिंह मानसा, किसान सभा के नेता बीजू कृष्णन, बीकेयू के नेता राकेश टिकैत, बीकेयू उगराहा के नेता जोगेन्दर उगराहां, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर, किसान संघर्ष समिति के डाॅ. सुनीलम, किसान नेता सत्यवान, सुरेश कौथ, सत्यशोधक शेतकरी सभा के किशोर धमाले, श्रमिक शेतकरी संगठना के सुभाष काकुस्ते, तराई किसान संगठन के तेजेंदर विर्क, भूमि बचाओ समिति तराई के बाजवा सहित 50 से अधिक वक्ताओं ने कृषि पर कारपोरेट नियंत्रण और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध जारी रखने का आह्वान किया. मंच का संचालन किसान महासभा के पुरुषोत्तम शर्मा, बीकेयू धकोंडा के जगमोहन, किसान खेत मजदूर सभा के रबिंदर पटियाला सहित 9 सदस्यीय कमेटी ने किया.

किसान महापंचायत के बीच में ही, एसकेएम के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से मुलाकात की और उन्हें दो ज्ञापन सौंपे. एसकेएम और कृषि मंत्री के बीच चर्चा हुई. सरकार ने किसानों के लंबित और ज्वलंत मुद्दों को हल करने के लिए एसकेएम के साथ निरंतरता के आधार पर बातचीत करने पर सहमति जताई. एसकेएम ने कृषि मंत्री को सूचित किया कि यदि समयबद्ध तरीके से मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो एसकेएम आगे विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की घोषणा करेगा. प्रतिनिधिमंडल में श्री आर. वेंकैया - अखिल भारतीय किसान सभा, डाॅ. सुनीलम - किसान संघर्ष समिति, श्री प्रेम सिंह गहलावत - अखिल भारतीय किसान महासभा, श्री वी वेंकटरमैया - अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा, श्री सुरेश कोठ - भारतीय किसान मजदूर यूनियन, श्री युद्धवीर सिंह - भारतीय किसान यूनियन, श्री हन्नान मोल्लाह - अखिल भारतीय किसान सभा, श्री बूटा सिंह बुर्जगिल - भारतीय किसान यूनियन (दकुंडा), श्री जोगिंदर सिंह उगराहां - भारतीय किसान यूनियन (उगराहां), श्री सत्यवान - अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन, श्री अविक साहा - जय किसान आंदोलन, श्री दर्शन पाल - क्रांतिकारी किसान यूनियन, श्री मंजीत राय - भारतीय  किसान यूनियन (दोआबा), श्री हरिंदर लाखोवाल - भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) और श्री सतनाम सिंह बहरू - इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन शामिल थे.

इससे पूर्व 19 मार्च को किसान नेताओं ने दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इसे किसान सभा के हन्नान मौलाह, किसान महासभा के राजाराम सिंह, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर, जय किसान आंदोलन के अविक शाह आदि ने संबोधित किया. इस किसान महापंचायत में अखिल भारतीय किसान महासभा की सबसे प्रभावशाली उपस्थिति रही. किसान महासभा के बैनर तले हाथों में झंडे, बैनर, प्लेकार्ड से सुसज्जित हजारों किसानों ने इसमें भागीदारी की. पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, उत्तराखंड से किसान महासभा के सभी प्रमुख नेताओं के नेतृत्व में हजारों किसानों ने दिल्ली महापंचायत में भागीदारी की.

एसकेएम के बैनर तले संपन्न हुई किसान महापंचायत मोदी सरकार के खिलाफ फिर से एक बड़े किसान आदोलन की शुरूआत का संकेत दे रही है.

delhi-kisan-mahapanchayat