बिहार के गया में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहादत दिवस पर आरवाईए और आइसा ने दिग्घी तालाब स्थित शहीद भगत सिंह प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और वहां से टावर चौक तक छात्र-युवा अधिकार मार्च निकाला. इसके साथ ही 14 अप्रैल तक चलने वाले ‘रोजगार बचाओ-देश बचाओ’ अभियान की शुरुआत हुई. कार्यक्रम में गया शहर, मानपुर और बोधगया की भागीदारी रही.
नालंदा के हिलसा में आरवाइए-आइसा के द्वारा रामबाबू हाई स्कूल से प्रतिरोध मार्च निकाला गया और काली स्थान, वरुण तल, सिनेमा मोड़ व जोगीपुर मोड़ होते हुए रजिया रघुवर पैलेस के पास पहुंचकर सभा आयोजित की गई.
ब्रह्मदेव प्रसाद बिंद, क्रांति प्रकाश, संजय पासवान व मनोज चौधरी तथा दिनेश कुमार यादव, शिव शंकर प्रसाद आदि नेताओं ने भगत सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आइसा-आरवाइए ने स्वराज भवन से आजाद पार्क तक मशाल जुलूस निकालकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. जुलूस के दौरान ‘नए भारत के वास्ते – भगत सिंह अंबेडकर के रास्ते’, ‘नई शिक्षा नीति रद्द करो’, ‘रोजगार को मौलिक अधिकार बनाओ’, ‘अमर शहीदों का पैगाम, जारी रखना ये संग्राम’ आदि नारे लगे.
मशाल जुलूस के बाद हुई श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि रोजगार के नए अवसरों को देने की बात तो दूर, पहले से मौजूद अवसरों को भी खत्म किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की सरकार भी रोजगार देने के नाम पर खूब प्रचार कर रही है लेकिन सच्चाई इसके उलट है. प्राथमिक शिक्षक भर्ती पिछले 5 सालों से नहीं हुई. जो भर्तियां हुई हैं उनमें व्यापक स्तर पर पेपर लीक व भ्रष्टाचार उजागर हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि ‘नए भारत के वास्ते – भगत सिंह, अंबेडकर के रास्ते’ नारे के साथ नौजवान देश को बदलने में आगे बढ़ेंगे.
कार्यक्रम में आइसा नेता भानु, राहुल, सोनू यादव, नीरज गौतम, पवन, अनिरुद्ध, चंदन, आरवाईए के शहर सहसंयोजक प्रदीप ओबामा, अनिल वाल्मिकी, संतोष कुमार, प्रेमचंद, वीरेंद्र रावत आदि शामिल रहे. लखनऊ विश्वविद्यालय में भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु की शहादत पर मार्च कर भगत सिंह प्रतिमा स्थल पर सभा की गई.
छत्तीसगढ़ के भिलाई में आइसा व आरवाइए की तरफ से भिलाई, सेक्टर 6, जुबली पार्क में ‘भगत सिंह की शहादत और हमारा समय’एक गोष्ठी का आयोजन किया गया
गोष्ठी का संचालन बृजेन्द्र तिवारी ने किया. गोष्ठी में आदित्य, फैजान, उमंग तिवारी आदि लोगों ने अपने विचार रखे. भगतसिंह के लेखों ‘मैं नास्तिक क्यों हूं’, ‘अछूत समस्या’, ‘सांप्रदायिक दंगे और उसका इलाज’ और उनकी जेल डायरी इत्यादि की चर्चा की गई.