वर्ष - 31
अंक - 8
19-02-2022

विगत 18 फरवरी 2022 को इस्लामपुर प्रखंड के शरीफा गांव में का. राजेंद्र प्रसाद अकेला का 33 वें शहादत दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.सर्वप्रथम भाकपा(माले) के जिला सचिव का. सुरेन्द्र राम द्वारा पार्टी का झंडा फहराया गया. उसके बाद दो मिनट का मौन रख कर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.

श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता आत्मा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य सर्वेश कुमार ने किया. सभा को संबोधित करते हुए का. सुरेन्द राम ने कहा कि का. अकेला 80 के दशक में, जब इस इलाके में सामंती ताकतों का वर्चस्व था, गरीब-गुरबों के पक्ष में मजबूती के साथ खड़े हुए थे और उनको चुनौती देते हुए ग्रामीण इलाके में पार्टी को मजबूत कर रहे थे. 18 फरवरी 1989 को जब वे 10 मार्च को पटना में होने वाली रैली की तैयारी के सिलसिले में बेन प्रखण्ड के कृपागंज गांव में गए हुए थे, रात में गांव के सामंती अपराधियों द्वारा उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी थी. सामंती ताकतों से गरीबों की आजादी के लिए उन्होंने शहादत दी थी. आज जब पूरे देश मे भाजपा सरकार द्वारा देश को दूसरी गुलामी की ओर धकेला जा रहा है, सभी सरकारी संपतियों को कौड़ी के भाव काॅरपोरेटों के हवाले किया जा रहा है और धर्म के नाम पर उन्माद फैला कर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, उनकी विरासत हमें हमेशा रास्ता दिखाती रहेगी.

इस अवसर पर इस्लामपुर प्रखंड के सचिव का. उमेश पासवान ने कहा कि का. अकेला ने जिन सामंती ताकतों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी कुर्बानी दी थी, नीतीश कुमार के शासनकाल में उन सामंती-सांप्रदायिक ताकतों का मनोबल बढ़ गया है. ऐसी हालात में हमें फिर से गरीब-गुरबों के बीच व्यापक एकता कायम कर आजादी की दूसरी लड़ाई लड़नी होगी और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेना होगा. उनके भाई और जिला कमिटी सदस्य का महेन्द्र प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद मजदूरों-किसानों की हालत खराब है. महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है और भाजपा सिर्फ नफरत फैलाने का काम कर रही है. श्रद्धांजलि सभा को आत्मा पंचायत के पूर्व मुखिया का नरेश महता ने भी संबोधित किया.

इस मौके पर मनमोहन, रणविजय कुमार, श्रवण सिंह, विमल, दुखन जी समेत अन्य लोगों ने भी अपनी बात रखी. श्रद्धांजलि सभा मे सैंकड़ों ग्रामीणों – महिलाओं, पुरूषों व बच्चों की भागीदारी हुई.