वर्ष - 28
अंक - 37
02-09-2019

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े गुंडों द्वारा जाने-माने शिक्षाविद् व अर्थशास्त्री व विनोबा भावे बिश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. रमेश शरण को आतंकबादी कहकर प्रताड़ित व अपमानित किया गया. एबीवीपी के दर्जन भर लोगों ने उन्हें घंटों बंधक बनाये रखा और उनकी गाड़ी पर कालिख पोत कर उस पर ‘आतंकवादी वीसी’ लिख दिया. गुनाह यह कि वे दीक्षंत समरोह में काला कोट (विरोध का प्रतीक) पहनकर आए थे.

प्रो. रमेश शरण का झारखंड के सामाजिक व शैक्षणिक जीवन में सदैब एक लोकतांत्रिक व जनपक्षीय योगदान रहा है. उन्हें जब बिनोबा भावे बिश्वविद्यालय का उपकुलपति बनाया गया था, तब भी एअीवीपी नें ‘नक्सली समर्थक’ होने का आरोप लगाते हुए उनका बिरोध किया था. इसी कड़ी में आज उन्हें आतंकबादी कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है.

एक सम्मानित व सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित शिक्षाविद पर आपराधिक हमला के बिरोध में चर्चित साहित्यकार प्रो. रबिभूषण, कवि प्रो. शम्भू बादल, बिश्वविद्यालय शिक्षकों के नेता प्रो. बबन चौबे, बरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास, आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमचंद्र मुर्मू, एआइपीएफ के नेता वशीर अहमद व नदीम खान, ऐक्टू के नेता भुवनेश्वर केवट, जन संस्कृति मंच के अनिल अंशुमान ने एक प्रेस बयान जारी कर इसकी तीखी भर्त्सना की है. 28 अगस्त को राजधनवार के खोरी महुआ में चौक पर मो. सोहेल के नेतृत्व में भाकपा(माले) के बैनर तले एक प्रतिवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.