उत्तर प्रदेश में हरदोई जिले के मल्लावां तहसील मुख्यालय पर 2 अक्टूबर 2019 को किसान-मजदूर एका सम्मेलन आयोजित हुआ. मुख्य वक्ता के रूप में सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव कामरेड ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि भाजपा की मोदी-योगी सरकार ने देश की जनता का पेट भरने वाले किसानों और कल-कारखाने चलाने वाले मजदूरों – दोनों का जीना मुहाल कर दिया है. मंदी की वजह से कल-कारखानों के बंद हो रहे हैं और उनमें काम करने वाले मजदूर नौकरियों से निकाले जा रहे हैं. मोदी ने कहा था कि रोजगार देंगे, लेकिन उनकी सरकार सबसे ज्यादा बेरोजगारी लाने वाली सरकार बन गयी है. किसान कर्जमाफी के लिए लड़ रहे है, मगर कर्जमाफी और करों में छूट-पर-छूट तो पूंजीपतियों को मिल रही है. दूसरी ओर, खाद-बीज-बिजली-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. आवारा पशु किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं. योगी कह रहे हैं कि गाय अब सुरक्षित है, जबकि वास्तव में गायों की दुर्दशा है, क्योंकि योगी सरकार की गौशालाएं गायों की कब्रगाह बन गई हैं. किसान और किसानी गहरे संकट में है. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा-कांग्रेस के बजाय अब किसानों को ही मोदी-योगी सरकार के खिलाफ विपक्ष की भूमिका निभानी होगी.
सम्मेलन को किसान महासभा के राज्य सह सचिव का. अफरोज आलम, नत्थूलाल, जगदीश सिंह, आरबी त्रिवेदी, रामराज, राकेश कुमार व अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया. संचालन किसान महासभा के जिला संयोजक ओमप्रकाश पटेल ने किया और अध्यक्षता वरिष्ठ वामपंथी नेता काविभूति प्रसाद ने की.
सभी ने स्वतंत्रता आंदोलन के महान किसान नेताओं – मदारी पासी व बाबा राम चन्दर दास – की विरासत को आगे बढ़ाते हुए अवध में फिर से किसान आन्दोलन खड़ा करने का संकल्प लिया. सम्मेलन में मल्लावां, माधोगंज व बिलग्राम ब्लाक के 70 से ज्यादा किसानों ने भाग लिया. आगामी 2 नवम्बर को माधोगंज में किसानों की बैठक करने व 21 नवम्बर को मल्लावां ब्लाक कार्यालय पर किसान प्रर्दशन करने का निर्णय लिया गया.
बलदेव क्षेत्र के किसानों की बैठक जाटव धर्मशाला में हुई, जिसकी अध्यक्षता बुजुर्ग किसान नेता चोब सिंह ने की. बैठक में 10 गांवों के नेतृत्वकारी किसान शामिल थे. किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष व जिला सचिव साथी नत्थी लाल पाठक ने इसे संबोधित किया. उन्होंने किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डालते हुये किसान आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया. वरिष्ठ कामरेड नसीर शाह एडवोकेट ने आजादी के आंदोलन में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुये आज के दौर में फासीवादी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिये संगठन की मजबूती पर बल दिया. बैठक में आगामी 9 अक्टूबर को मंडल सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया. तब तक एक सात-सदस्यीय संयोजन समिति का गठन कर साथी टुकी राम को संयोजक और साथी दुर्गा प्रसाद व अमर सिंह को सह संयोजक चुना गया. बैठक का संचालन दुर्गा प्रसाद ने किया.