गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड मुख्यालय पर विभिन्न मुद्दों जैसे लचर बिजली आपूर्ति, हाथी काॅरिडोर के नामपर किसानों के जमीन छीनने का प्रयास, पनघटवा गांव को डूबने से बचाने के लिये डैम की ऊंचाई को सीमित रखने, गांवों में वर्षाे से काबिज खाताधारी रैयतों की जमीन की आन लाइन रसीद काटने, सड़क निर्माण में रैयतों से ली गई जमीन का मुआवजा देने, गावों को उजड़ने से बचाने आदि मुद्दों को लेकर 30 सितंबर 2019 को भाकपा(माले) के नेतृत्व में सैकड़ों जनता ने प्रखंड मुख्यालय का घेराव किया. सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव कालीचरण मेहता ने कहा कि रघुवर सरकार कारपोरेट कंपनियों की स्वार्थ में क्रियाशील है और प्रशासनिक अधिकारी समाज के दबंग तबके के साथ खड़े हैं, और व्यापक जनता उपेक्षा की शिकार है. उपरोक्त मुद्दों से सम्बंधित एक मांगपत्र बीडीओ को सुपुर्द किया गया.
इसी दिन डंडई प्रखंड के नवादा स्थित बिजली विभाग के कार्यालय का मुख्य गेट जाम कर नारेबाजी की गई और किसानों की मांगों पर किसान महासभा और भाकपा(माले) के तत्वावधान में एक दिवसीय धरना दिया गया. अम्बेडकर चौक से बड़ी संख्या में पोस्टर झंडा बैनर से सुसज्जित रैली निकाली गई, जो प्रखंड मुख्यालय में पहुंचकर धरना में तब्दील हो गई. तीन घंटे तक धरना जारी रहा. किसानों के मुद्दे मुख्य रूप से मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को लागू करवाना, किसान क्रेडिट कार्ड और लचर बिजली व्यवस्था को ठीक करने से संबंधित थे जिन्हें लेकर झारखंड के राज्यपाल के नाम 6 सूत्री मांगपत्र कार्यपालक अभियन्ता को सौंपा गया. किसान महासभा की ओर से लालमुनि गुप्ता और भाकपा(माले) गढ़वा जिला सचिव कालीचरण मेहता, ऐपवा नेत्री सुषमा मेहता, वीरेंद्र चौधुरी, सोब्रम मेहता, बबीता देवी, चमेली देवी आदि कार्यकर्ताओं ने जनता को संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि किसानों को कोई भी योजना का लाभ नही मिल रही है बल्कि उन्हें ठगा जा रहा है. बिजली बहुत ही कम समय के लिए बिजली दी जाती है लेकिन बिल की वसूली में काफी भ्रष्टाचार किया जाता है. मेंटेनेंस के नाम पर प्रति माह 60-70 लाख की वसूली की जाती है. उपरोक्त समस्याओं के निदान के लिए और भी बड़ा आंदोलन करने का संकल्प लिया गया.