पूरे उत्तर प्रदेश में विभिन्न विभागों में खाली पड़े 25 लाख पदों पर भर्ती की मांग को लेकर 29 दिसंबर 2021 को इलाहाबाद में बालसन चौराहे पर यूपी मांगे रोजगार अभियान के नेतृत्व में विभिन्न छात्र संगठनों व प्रदेश भर से रोजगार आंदोलनों के नेताओं की एक महापंचायत हुई.
इंकलाबी नौजवान सभा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रोजगार का मुद्दा राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में शामिल करवाने और भाजपा की सांप्रदायिक नफरत वाली धर्म की राजनीति को परास्त करने के लिए पूरे प्रदेश के युवाओं को हमें रोजगार के मुद्दे पर संगठित व आंदोलित करना होगा, साथ ही शिक्षा को बाजार के हवाले करने की मंशा से लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वापस करवाने के लिए अपने संघर्ष को तेज करना होगा.
डाॅ आरपी गौतम ने कहा कि सरकार लगातार रोजगार के अवसर खत्म कर रही है और आरक्षण घोटाला करके वंचित तबके से आने वाले छात्रों को रोजगार से बाहर कर उन्हे हाशिए पर धकेलने के लिए आमादा है.
प्रोग्रेसिव फार्मर्स फ्रंट के राज्य सचिव मारूति मानव ने कहा कि किसान आंदोलन ने जिस तरह से अपने संघर्षों के बल पर एक ऐतिहासिक लड़ाई को जीता, उसी तरह से हमारे युवा साथी अपने रोजगार के सवाल को लेकर अगर अपने संघर्षों को तेज करें तो जीत सुनिश्चित है, क्योंकि बड़े से बड़े ता
नाशाह व फासिस्ट सरकार को संघर्षों के बल पर ही झुकाया जा सकता है.
रोजगार पंचायत में अपनी बात रखते हुए आइसा इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष विवेक सुल्तानवी ने कहा कि रेलवे में लगातार पदों को खत्म किया जा रहा है जिससे रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं. रेलवे देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने के लिए जाना जाता था. हमें पूरे शहर से प्रतियोगी छात्रों को गोलबंद करके रोजगार को प्रमुख सवाल बनाना होगा. सरकारें तभी रोजगार के समाधान की ओर ध्यान देंगी.
रोजगार महापंचायत ने लखनऊ में आंदोलनरत प्रतियोगी छात्रों पर हुए लाठीचार्ज व गिरफ्तारी को अमानवीय बताया. महापंचायत का संचालन यूपी मांगे रोजगार के संयोजक सुनील मौर्य ने किया.
यूपी मांगे रोज़गार अभियान को इलाहाबाद में व्यापक स्वरूप देने लिए 13 सदस्यीय ‘रोजगार संघर्ष समिति, इलाहाबाद’ का गठन किया गया. इसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रा नेता जितेंद्र धनराज को संयोजक व शशांक को सहसंयोजक चुना गया. पंचायत से इलाहाबाद में मोहल्ला स्तरीय पंचायत करने का निर्णय लिया गया है.
महापंचायत में आइसा, आईसीएम, एसएफआई, आरवाईए सहित विभिन्न जनवादी संगठनों से शिवम, कमलेश यादव, विवेक, प्रदीप ओबामा, जोया, गिरधारीलाल, पंकज सोनकर, पंकज पांडे, रणविजय, सीमांत गुप्ता, सोनू यादव, विकास, सुमन, राजू कुरैशी, सुनील, मनोज, राजू शिवम, राजीव गुप्ता, ठाकुर प्रसाद, अविनाश, अंतस सर्वानंद, चंदन, हरिओम आदि शामिल रहे.